अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम की आड़ में सवर्णों पर हो रही ज्यादती पर अब विराम लग गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आरोप पूरी तरह से पुष्ट नहीं हो जाता, साक्ष्य प्रस्तुत नहीं होते, तब तक एससी/एसटी एक्ट के प्रावधानों के तहत किसी पर भी अपराध दर्ज नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सवर्णों को देश में बड़ी राहत के साथ न्याय भी मिला है, क्योंकि अब तक इन अधिनियमों का देश में दुरूपयोग हो रहा था, जिसकी वजह से निर्दोष सवर्णजन प्रताड़ित हो रहे थे।
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