एसबीआई की अंदरूनी हालत वास्तव में बहुत खराब है?
नई दिल्ली। एसबीआई की अंदरूनी हालत वास्तव में बहुत खराब है, कल बैंक ने खुद ही यह खुलासा किया है कि 2020-21 के मौजूदा वित्त वर्ष में उसका कर्ज मिलने में चूक और रीस्ट्रक्चरिंग का आंकड़ा मिलाकर 60,000 करोड़ रुपये का हो सकता है दिसंबर 2020 तक 13,000 करोड़ रुपये के लोन की रीस्ट्रक्चरिंग के आवेदन और आने की आशंका है।
हालांकि एसबीआई इस वित्तवर्ष की पहली ओर दूसरी तिमाही में लाभ दिखा रहा है लेकिन यह लाभ दिखाना दरअसल एक बड़ा झूठ है पिछले वित्त वर्ष में भी उसने लाभ दिखाया था बाद में आरबीआई ने बताया कि वित्त वर्ष 2019 में अपने फंसे कर्ज की सही जानकारी नहीं दी थी और इसे वास्तविक राशि से कम बताया था। अगर बैंक को अपने बही-खाते सही सही बताता तो एसबीआई फायदे में नही नुकसान में नजर आता ओर यह घाटा 6,968 करोड़ रुपये रहता। इस प्रकार पिछले तीन वित्तवर्षो का रिकॉर्ड यही बता रहा है कि SBI दरअसल नुकसान में रन कर रहा है एसबीआई के अलावा पिछले साल PNB ओर बैंक ऑफ बड़ौदा भी के ऐसे ही झूठ पकड़ाए है
एसबीआई भारत की कुल बैंकिंग का एक चौथाई हिस्से को कवर करता है ओर एसबीआई के खातों में ही सबसे ज्यादा पैसा फंसा हुआ है 2018 में खबर आई थी कि SBI ओर PNB के कुल 408 खातों में देश का लगभग 84.82 % एनपीए है भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हालत कोरोना काल मे बहुत खराब होने वाली
सुप्रीम कोर्ट ने 3 सितंबर को आदेश दिया था कि जो अकाउंट 31 अगस्त तक NPA घोषित नहीं किए गए हैं, उन्हें अगले आदेश तक NPA घोषित नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि सरकारी बैंकों ने कई लोन अकाउंट को अभी एनपीए नहीं घोषित किया है। जब यह NPA सामने आएगा तब सरकारी बैंकों की वास्तविक बैलेंस शीट सामने आएगी जो डिजास्टर सिद्ध होगी।
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