अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता और बेहद ‘गंभीर’ हो गई है। पराली जलने और शनिवार रात रोक के बावजूद हुई आतिशबाजी के चलते स्थिति खतरनाक हो गई है। आसमान में धुंध छाई हुई है। दृश्यता बेहद कम है,हवा में घुला जहर दिल और फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है।
हवा की धीमी गति खतरनाक
दिल्ली के प्रदूषण में 32 फीसदी हिस्सेदारी पराली जलाने और आतिशबाजी की है। हवा की गति धीमी होने से प्रदूषण की स्थिति और बुरी हो गई है। प्रदूषक तत्व एक ही जगह इकट्ठा हो रहे हैं।SAFAR ने प्रदूषण के बेहद चिंताजनक आंकड़े जारी किए हैं।दिल्ली में शनिवार रात दस बजे तक PM 2.5 331 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर आपातकालीन सीमा से ऊपर पहुंच चुका था।
वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता और बेहद ‘गंभीर’ हो गई है। पराली जलने और शनिवार रात रोक के बावजूद हुई आतिशबाजी के चलते स्थिति खतरनाक हो गई है। आसमान में धुंध छाई हुई है,दृश्यता बेहद कम है।हवा में घुला जहर दिल और फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है।
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