बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार का ‘‘डिजिटल इंडिया’’ कार्यक्रम आज लोगों की जीवनशैली बन गया है, खासकर उन लोगों की जो गरीब हैं, हाशिए पर हैं तथा जो सरकार में हैं। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से तीन दिवसीय प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन ‘बेंगलुरु टैक समिट-2020’ का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का मॉडल ‘‘प्रौद्योगिकी पहले’’ है जिसका इस्तेमाल लोगों के जीवन में बहुत बदलाव लेकर आया है और इसके जरिए लोगों की गरिमा में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से मानव गरिमा में वृद्धि हुई है। आज करोड़ों किसानों को सिर्फ एक क्लिक के जरिए आर्थिक मदद पहुंचती है। जब देश में लॉकडाउन चरम पर था तब वह प्रौद्योगकी ही थी जिसने भारत के गरीबों को मदद सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि भारत ने सूचना के इस युग में विलक्षण ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे पास सर्वश्रेष्ठ दिमाग के साथ बड़ा बाजार भी है। हमारे प्रौद्योगिकी जगत के पास वैश्विक होने की क्षमता भी है। अब समय है कि भारत के प्रौद्योगिकी समाधानों को विश्व में ले जाएं।’’
तीन दिनों के इस सम्मेलन का आयोजन कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक नवाचार एवं प्रौद्योगिकी सोसाइटी (केआईटीएस), कर्नाटक सरकार के इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी संबंधी विजन ग्रुप, बायोटेक्नोलॉजी एंड स्टार्टअप, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) और एम.एम. एक्टिव साइंस टैक कम्युनिकेशन्स के सहयोग से किया है। इस वर्ष सम्मेलन का मुख्य विषय ‘नेक्स्ट इज नाओ’ है। इसके तहत कोविड-19 महामारी के बाद के विश्व में उभरती मुख्य चुनौतियां और ‘सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स’ तथा बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रमुख प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषी तकनीकों के प्रभाव पर मुख्य रूप से चर्चा होगी।
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