ग्राम विकास अधिकारी ने कहा पहले 10525 रुपये भेजो फिर मिलेगी जानकारी
ग्राम निधि का ब्यौरा माँगने पर ग्राम विकास अधिकारी ने पत्राचार कर मांगी बड़ी रकम
आरटीआई कानून के तहत मांगी गई थी जानकारी
विवेक मिश्र
फतेहपुर। शासन व प्रशासन के लाख निर्देशों के बावजूद भी ब्लाक स्तरीय अधिकारियों की भ्रष्टाचार नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं आ रहा। जो कि सारे सरकारी नियम कायदों को धता बताते हुए पूरी तरह ना सिर्फ अपनी मनमानी पर उतारू हैं बल्कि इन्होंने अपनी भृष्टाचारी करतूतों को छिपाने के लिये आर टी आई सूचना के अधिकार कानून को भी असफल करने का नया तरीका ईजाद करते हुए जवाब माँगने वालों से लम्बी रकम अदायगी कराने का नया तरीका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। जिससे आवेदक द्वारा रकम अदायगी ना कर पाने की दशा में इनकी भ्रष्ट नीति व सरकारी धन के बन्दरबांट की पोल खुलने से बची रहे।
ऐसा ही एक मामला जिले की भिटौरा विकास खण्ड की जगतपुर आदिल ग्राम पंचायत का प्रकाश में आया है जहाँ के निवासी प्रेमसागर मिश्रा पुत्र शिवअनंत मिश्रा के द्वारा सूचना के अधिकार (आर टी आई) द्वारा ग्राम विकास अधिकारी से अपनी ग्राम पंचायत में पाँच वर्ष में खर्च की गई विकास निधि का सात बिंदुओं के तहत ब्यौरा मांगा गया था किन्तु ग्राम विकास अधिकारी द्वारा आवेदक को आय का ब्यौरा देना तो दूर बल्कि आय ब्यय का ब्यौरा देने के एवज में उल्टा ही पहले 10525 रुपये ग्राम निधि में अदायगी करने का प्रस्ताव पत्राचार द्वारा भेजा गया। और रकम की अदायगी ना करने पर ब्यौरा देने से स्प्ष्ट इंकार कर दिया गया। ग्राम विकास अधिकारी द्वारा अपनी गड़बड़ नीतियों में पर्दा डालने की इस नई करतूत ने आवेदन कर्ता समेत आवाम को भी ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या सूचना का अधिकार कानून महज एक दिखावा है या इसे टिपिकल बनाने की कोशिश है ताकि ग्राम निधि में किये गए बंदरबांट को छुपाया जा सके। उधर प्रेमसागर ने इसकी शिकायत प्रथम अपीलीय अधिकारी व जिलाधिकारी से की है प्रार्थी ने जन सूचना न उपलब्ध कराये जाने के मामले में डीएम से उक्त ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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