बिहार में महागठबंधन के हारने के मुख्य कारण कांग्रेस और एआईएमआईएम
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। आम आदमी पार्टी प्रयागराज के जिला अध्यक्ष डॉ अल्ताफ अहमद ने मिडिया को प्रेस वार्ता में बताया कि बिहार में महागठबंधन को कांग्रेस और AIMIM सामना करना पड़ा।
डॉ अल्ताफ अहमद ने कहा कांग्रेस 70 सीटें पर महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ी। जबकि कांग्रेस को पता था की उनके पास बिहार में संघठन नहीं है और उसका खामियाजा यह हुआ कि कांग्रेस को सिर्फ 19 सीट ही मिल पाई। कांग्रेस लगातार जानता को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है। एक तरफ तो जनता उसको पसंद नहीं कर रही है और अपना वोट नहीं देती है दूसरी तरफ जहां पर भी कांग्रेस के साथ मिलकर पार्टियां चुनाव लड़ती हैं। जीतने के बाद कांग्रेस के विधायक कांग्रेस का दामन छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लेते है और वहां पर सरकार गिर जाती है। फिर बीजेपी की सरकार बन जाती है गोवा में जानता ने वोट डाला कांग्रेस को और सरकार बनी बीजेपी की इसी तरह मध्य प्रदेश में जानता ने वोट डाला कांग्रेस को और सरकार बनी बीजेपी की कांग्रेस सिर्फ जानता को छलने का काम कर रही है।
जानता वोट करती है बदलाव के लिए ना की कांग्रेस के विधायकों के दल बदलने के लिए कांग्रेस को अब मान लेना चाहिए कि जानता ने अब उन्हें नकारना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ AIMIM ने अल्पसंख्यक वोटों का ध्रुवीकरण कर के महागठबधन को नुक्सान पहुचाने का काम किया। यह सिर्फ उसी जगह चुनाव लड़ते है जहाँ बीजेपी कमज़ोर स्तिथी में रहती है जिसका सीधा फायदा बीजेपी को होता है। इन्हीं सब कारणों से महागठबंधन को बहुत अल्पमतों से कई सीटो पर हार का सामना करना पड़ा ।
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