अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जैनाचार्य विजय वल्लभ जी की ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ का अनावरण किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा पूरे विश्व को, मानवता को, शांति, अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया है। ये वो संदेश हैं जिनकी प्रेरणा विश्व को भारत से मिलती है, इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रही है। संतों से अपील करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी में मैं आचार्यों, संतों से एक आग्रह करना चाहता हूं कि जिस प्रकार आजादी के आंदोलन की पीठिका भक्ति आंदोलन से शुरु हुई। वैसे ही आत्मनिर्भर भारत की पीठिका तैयार करने का काम संतों, आचार्यों, महंतों का है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि महापुरुषों का, संतों का विचार इसलिए अमर होता है, क्योंकि वो जो बताते हैं, वही अपने जीवन में जीते हैं। आचार्य विजय वल्लभ जी कहते थे कि साधु, महात्माओं का कर्तव्य है कि वो अज्ञान, कलह, बेगारी, आलस, व्यसन और समाज के बुरे रीति रिवाजों को दूर करने के लिए प्रयत्न करें।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आचार्य विजयवल्लभ जी का जीवन हर जीव के लिए दया, करुणा और प्रेम से ओत-प्रोत था। उनके आशीर्वाद से आज जीवदया के लिए पक्षी हॉस्पिटल और अनेक गौशालाएं देश में चल रहीं हैं। ये कोई सामान्य संस्थान नहीं हैं, ये भारत की भावना के अनुष्ठान हैं, ये भारत और भारतीय मूल्यों की पहचान हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास आप देखें तो आप महसूस करेंगे, जब भी भारत को आंतरिक प्रकाश की जरूरत हुई है, संत परंपरा से कोई न कोई सूर्य उदय हुआ है। कोई न कोई बड़ा संत हर कालखंड में हमारे देश में रहा है, जिसने उस कालखंड को देखते हुए समाज को दिशा दी है। आचार्य विजय वल्लभ जी ऐसे ही संत थे।
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