सोमवार, 30 नवंबर 2020

आंदोलनः 5 हाईवे रोकने की तैयारी में किसान

किसान आंदोलन- पांच नेशनल हाईवे रोकने की तैयारी में किसान


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे पंजाब के किसानों को रोकने के बाद से वह नेशनल हाईवे 44 के सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों ने अब दिल्ली से जुड़े पांच नेशनल हाईवे से मोर्चाबंदी की तैयारी शुरू कर दी है। अगर सरकार से जल्द बात नहीं होती है। तो सिंघु व टिकरी बॉर्डर के बाद जयपुर, मथुरा बरेली हाईवे को रोकने का फैसला लिया गया है। किसानों का नेशनल हाईवे रोकने का फैसला केवल यहां तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इनके बाद भी किसानों की मांगों को लेकर कोई सकारात्मक बात नहीं होती है। तो अन्य हाईवे को बाधित कर दिया जाएगा।
जहां पहले सरकार ने उनको रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। वहीं अब किसानों को दिल्ली में जाने के लिए कहा जा रहा है। तो वह नेशनल हाईवे 44 से हटने के लिए तैयार नहीं है। पंजाब के किसानों के जत्थे लगातार आ रहे हैं। तो हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड तक के किसानों का साथ उनको मिलना शुरू हो गया है। अभी तक कुछ संगठन निजी तौर पर आंदोलन की रणनीति बना रहे थे। वहीं अब ऐसा नहीं होगा।
किसी एक संगठन का फैसला निजी होगा और उसे किसानों का फैसला नहीं माना जाएगा। इसलिए पंजाब के 30 संगठनों ने बनाई कमेटी का फैसला माना जाएगा तो हरियाणा के 18 संगठन भी उनके साथ खड़े हुए हैं। किसान संगठनों की कमेटी रोजाना रणनीति बनाएगी और उसके आधार पर आंदोलन को चलाया जाएगा।
किसानों ने सिंघु व टिकरी बॉर्डर के बाद दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे संख्या 8, दिल्ली-मथुरा-आगरा नेशनल हाईवे संख्या 2 व दिल्ली-मुरादाबाद-बरेली नेशनल हाईवे नंबर 24 पर डेरा डालने की तैयारी कर ली है। इनमें बरेली हाईवे पर हापुड़ तो अन्य दोनों हाईवे पर दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डालने की चेतावनी किसान संगठनों ने दी है।
भाकियू हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार अब देर कर चुकी है। और किसान किसी मैदान में नहीं जाएगा, बल्कि नेशनल हाईवे पर ही रहेंगे। सरकार ने मांग जल्द ही नहीं मानी तो अन्य नेशनल हाईवे भी बंद कर देंगे। हरियाणा का किसान व किसान संगठन एक साथ है। और पंजाब के किसान संगठन भी एक साथ हो गए हैं। संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कमेटी बनाकर आंदोलन चल रहा है। किसान आंदोलन से जुड़ा कोई भी फैसला मिलकर लिया जाएगा।
भाकियू अंबावत के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर दहिया ने कहा कि सरकार पहले पंजाब के किसानों को अकेले समझ रही थी। लेकिन पंजाब के साथ हरियाणा, यूपी समेत अन्य राज्यों के किसान हैं। पंजाब के किसान अभी लगातार आ रहे हैं। और हरियाणा के 18 किसान संगठन साथ खड़े हैं। जिस तरह का फैसला पंजाब के किसान लेंगे वह हरियाणा के किसानों को मान्य होगा। यह आंदोलन बढ़ता जा रहा है। और सरकार सभी मांगों को पूरा करेगी तो उसके बाद ही आंदोलन खत्म होगा।                                  


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