शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020

पुलिस ने आरोपी को भागने में की मदद

बलिया हत्याकांडः मृतक के भाई का गंभीर आरोप पुलिस ने आरोपी को भागने में की मदद।


संदीप मिश्र


बलिया। हत्याकांड पर मृतक के भाई ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक के भाई का कहना है। कि जब धीरेंद्र प्रताप और उसके लोग पत्थरबाजी और फायरिंग कर रहे थे। तो पुलिस उनको बचाने का प्रयास कर रही थी। और मृतक पक्ष के लोगों को पीटकर भगा रही थी। यही नहीं मृतक के भाई ने यह भी आरोप लगाया है। कि वारदात के बाद पुलिस ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपी को पकड़ लिया था। लेकिन बाद में उसे भीड़ से बाहर ले जाकर छोड़ दिया। बता दें कि बलिया के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में 15 अक्टूबर को दोपहर बाद पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की मौजूदगी में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वारदात उस वक्त हुई जब कोटा की दुकान के लिए एसडीएम और सीओ की मौजूदगी में गांव में खुली बैठक चल रही थी। इस मामले का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह है। जो अभी तक फरार है। धीरेंद्र प्रताप सिंह बलिया के बेरिया से बीजेपी के चर्चित विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी बताया जाता है। इस वारदात में गोली लगने से दुर्जनपुर पुरानी बस्ती निवासी 46 साल के जयप्रकाश उर्फ गामा पाल की इलाज के लिए ले जाते समय मौत हो गई। घटना में ईंट पत्थर और लाठी डंडे चलने से तीन महिलाओं सहित आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा भेजा गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। कोटे की दुकान पर हुई लड़ाई मृतक जयप्रकाश पाल के भाई तेजबिहारी पाल ने बताया कि कोटे की दुकान को लेकर दो प्रत्याशी लड़ रहे थे। और वह बाहर से आदमी लेकर आए और एसडीएम साहब ने कहा कि जो लोग यहां के हैं। वही यहां रहेंगे हम उनसे प्रमाण प्रूफ लेंगे, नहीं तो उसको लाइन से बाहर निकाल देंगे। जयप्रकाश पाल ने कहा कि प्रमाण पत्र मांगने पर कुछ लोग नाराज हो गए और एसडीएम से बहस करने लगे। आधा घंटा बाद लोग भागने लगे बलिया में फायरिंग के दौरान मची भगदड़ इसी दौरान धीरेंद्र प्रताप सिंह से जुड़े लोग ईंट पत्थर और गोली चलाने लगे उन्होंने कहा कि करीब करीब 15-20 फायर हुआ. उसमें एक बाहरी बदमाश है। उसे हम पहचानते नहीं हैं। एक अजय सिंह नाम का व्यक्ति फायर कर रहा था। पीड़ित का दावा है। कि धीरेन्द्र प्रताप हमारे भाई को गोली मार दिया आर्मी से रिटायर है। मुख्य आरोपी पुलिस के मुताबिक आरोपी धीरेन्द्र प्रताप सिंह आर्मी से रिटायर है। और विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ में रहता है। जयप्रकाश पाल का आरोप है। कि वहां दस पुलिस के लोग थे। 2 महिला पुलिस भी थी। पुलिस आरोपियों को बचा रही थी। और हम लोगों को पीट रही थी। और जब आरोपी गोली मारकर भाग रहा था। तो पुलिस ने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके बाद बंधे पर ले जाकर छोड़ दिया और उसे वहां से भागने को कह दिया। आठ लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा पुलिस ने इस हत्याकांड में कुल आठ लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक दर्जन से ज्यादा टीमें लगाई गई हैं। देर रात डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने भी मौका ए वारदात का जायजा लिया और मृतक के परिजनों से बातचीत की डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि इस घटना में 8 लोग नामित किए गए हैं। उसमें एक मुख्य हत्यारोपी है। जिसने फायर किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस घटना को चुनौती के रूप में लिया है। और इस मामले में पुलिस ऐसा एक्शन लेगी कि उदाहरण बन जाएगा एसडीएम, सीओ सस्पेंड सुभाष चंद्र दुबे ने घटना के समय जो लोग मौजूद थे। वह लोग भी निश्चित रूप से लापरवाही के दोषी माने जाएंगे उनके विरूद्ध कठोरतम अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी ताजा जानकारी के मुताबिक इस मामले में सरकार ने एसडीएम और सीओ को सस्पेंड कर दिया है। आरोपी का भागना स्थानीय पुलिस की लापरवाही-डीआईजी डीआईजी के मुताबिक दावा किया गया है। कि जिस हथियार की फायरिंग से शख्स की मौत हुई है। वह लाइसेंसी रिवॉल्वर थी। इसकी जांच आरोपी के पकड़े जाने और पिस्टल की रिकवरी के बाद ही हो पाएगी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी स्पष्ट हो जाएगा की गन शॉट की इंजरी किससे हुई है। सुभाष चंद्र दुबे ने कहा कि मृतक के भाई द्वारा बताया गया है। कि पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया था। इसके बाद भीड़ का फायदा उठाकर वह भाग गया। ये निश्चित रूप से पुलिस की लापरवाही है। और इस पर सख्त एक्शन होगा।           


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