मोदी ने राजमाता सिंधिया की जन्मशताब्दी पर जारी किया 100 रुपये का स्मारक सिक्का।
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जन्मशताब्दी के अवसर पर आज 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। प्रधानमंत्री ने स्मारक सिक्का जारी करते हुए राजमाता के साथ रथयात्रा और एकता यात्रा के दौरान के अपने अनुभवों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा,“ ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राजमाता की स्मृति में यह विशेष स्मारक सिक्का जारी करने का अवसर मिला है। कोरोना के कारण भले ही यह कार्यक्रम भव्य नहीं है लेकिन यह दिव्य जरूर है। पिछली शताब्दी में देश को दिशा देने वाले चंद लोगों में राजमाता भी शामिल थीं। वह सिर्फ वात्सल्य की मूर्ति नहीं थीं, बल्कि वह एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक थीं। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वह साक्षी रहीं।”
उन्होंने कहा,“ आजादी से पहले विदेशी वस्त्रों की होली जलाने से लेकर आपातकाल और राममंदिर आंदोलन तक राजमाता के अनुभवों का व्यापक विस्तार रहा है। राजमाता की जीवनयात्रा और उनके जीवन संदेश को देश की मौजूदा पीढ़ी भी जाने और उनसे प्रेरणा ले इसीलिए उनके बारे में और उनके अनुभवों के बारे में बार -बार बात करना आवश्यक है। ”
मोदी ने कहा,“ विवाह से पहले वह किसी राजपरिवार से संबंधित नहीं थी लेकिन विवाह के बाद उन्होंने सबको अपनाया और पाठ भी पढ़ाया कि कोई भी साधारण से साधारण से व्यक्ति इस लोकतंत्र में सत्ता को सेवा का माध्यम बना सकता है। उनके पस सत्ता थी, संपत्ति थी और सामर्थ्य भी था लेकिन इनसे बढ़कर उनके पास जो अमानत थी, वह थी संस्कार, सेवा और स्नेह की सरिता।
ये सोच और ये आदर्श, उनके जीवन के हर कदम पर देखे जा सकते हैं। राजमाता ने यह साबित किया कि जनप्रतिनिधि के लिए जनसेवा सबसे महत्वपूर्ण है। वह राजपरिवार की थीं लेकिन उन्होंने लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया। आपातकाल के दौरान उन्होंने जो-जो सहा, वह सर्वविदित है। उन्होंने अपने जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड जेल में बिताया।”
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने इस समारोह की शुरुआत करते हुए राजमाता की स्मृति में स्मारक सिक्का जारी करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया और राजमाता के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा,“राजमाता विजयराजे सिंधिया जी की जन्मशती के अवसर पर केंद्र सरकार ने 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी करने का फैसला किया था। इस स्मारक सिक्के काे जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति के लिए मैं और संस्कृति मंत्रालय उनका आभार व्यक्त करते हैं।
हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारी पीढ़ी को राजमाता का सान्निध्य मिला। उन क्षणों को हम सभी साथी कभी भूला नहीं सकते हैं। उनके पास धन, पद प्रतिष्ठा सब थी लेकिन उनका व्यवहार अहंकारशून्य ममत्व से भरा , सहज, सरल और सौम्य था। उनके जो भी मिला, बिना प्रभावित हुए नहीं रह सका। उनका ममत्व कोई नहीं भूल सकता है। ”
उन्होंने कहा, “ भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने के लिए 1980 में नींव बनने वाली राजमाता विजयराजे सिंधिया भाजपा के के चंद जमीनी संस्थापकों में से एक हैं। वे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहीं और पार्टी के विस्तार में हमेशा आगे रहीं। उनके अनुकरणीय जीवन ने आम जनता में उनके प्रति अगाध श्रद्धा पैदा की। वह एक जननेता थीं।”
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