अतुल त्यागी, मुकेश सैनी, वीण कुमार
दीपावली की मिठास में सिंथेटिक मिठाई बनाने वाले माफियाओं की कड़वाहट, लेकिन गढ़मुक्तेश्वर खाद्य विभाग दीपावली की मिठास में कड़वाहट घोलने वाले माफियाओं पर क्यों है मेहरबान
गढ़मुक्तेश्वर/ हापुड़। दशहरा एवं दीपावली पर्व के मद्देनजर सिंथेटिक मिठाई बनाने वालों के हौसले बुलंद दीपावली की मिठास में बराबर कड़वाहट घोल रहे है। सूत्रों के अनुसार क्षेत्र के गांव रझैटी वेट अठसैनी सरूरपुर रझैडा आदि दर्जनों गांव में सिंथेटिक दूध एवं मावे से मिठाई बनाने का कारोबार बहुत बड़े पैमाने पर चल रहा है। और सिंथेटिक बंगाली रसगुल्ला बनाने के लिए अंतर जनपदों में मशहूर गांव रझैटी मेें आज भी दर्जनों की संख्या में सिंथेटिक मिठाई माफिया मिठाई बनाने को लेकर रात-दिन एक किए हुए हैं। जहां से प्रतिदिन दूध की कैनो एवं प्लास्टिक के खाली डब्बे में भरकर अंतर जनपदों के लिए सप्लाई जारी है और क्षेत्र में भी स्थित ब्रांडेड ऊंची दुकान फीके पकवान वाली कहावत के साथ इन दुकानो पर माफियाओं के द्वारा बहुत बड़े पैमाने पर सिंथेटिक मिठाइयों की खेफ उतारी जा रही है। यह क्षेत्र अपने आप में सफेद दूध एवं सफेद रसगुल्ले का काला कारोबार करने के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। लेकिन फिर भी खाद्य विभाग इन पर आखिर मेहरबान क्यों हैं। दबी जबान में ग्रामीणों का कहना है कि इन माफियाओं के द्वारा खाद्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा वसूली करने के लिए अपने पास रखे गए प्राइवेट आदमी के द्वारा क्षेत्र से वसूली करके अपने अधिकारियोंं की आंखों पर प्रत्येक माह चांदी का चश्मा पहना दिया जाता है। जिसकी चमक में कुछ भी नहीं दिखाई देता है।
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