भानु प्रताप उपाध्याय
शामली/ ऊन। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के विरुद्ध अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निवारण परिषद के कार्यकर्ताओं ने तहसील कार्यालय पर धरना प्रदर्शन चल रहा था तथा कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निवारण परिषद के राष्ट्रीय महासचिव तेजपाल गुर्जर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने तहसील गेट पर धरना प्रदर्शन किया। वही एक सप्ताह पूर्व कार्यकर्ताओं ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा था। जिसमें मांगे न मानने पर तहसील कार्यालय पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। वही दर्जनों कार्यकर्ताओं ने अपनी तीन सूत्रीय मांगो जिनमें कृषि कानूनों को वापस लेने हरियाणा पंजाब के समान बिजली बिल करने व बकाया के नाम पर उत्पीड़न बंद करने के साथ ही गन्ना भुगतान मय ब्याज कराया जाए। किसानों मजदूरों के शोषण के खिलाफ तहसील मुख्यालय शामली पर अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निवारण परिषद के तत्वाधान में वह राष्ट्रीय महासचिव व वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी तेजपाल सिंह गुर्जर हथछोया के नेतृत्व में 1 नवंबर 2020 तक सरकार किसानों विरोधी बिल वापस बिजली की बढ़ी दरें व हार्श पावर वापस अन्य पड़ोसी राज्यों के समान बिजली दरें करने उपभोक्ता के बकाया के नाम पर कनेक्शन कटने फर्जी मुकदमे वापस लेने एवं गन्ना मूल्य भुगतान में ब्याज दिलाने गन्ना मूल्य 350 प्रति कुंतल करने व आगामी सत्र 2000 -2021 का गन्ना भुगतान गन्ना मूल्य एक्ट के अनुसार 14 दिन में कराने आदि सभी मांगे किसान मजदूरों के हित में नहीं मानती है, तो संगठन एवं कांग्रेस पार्टी के नेता व कार्यकर्ता विधानसभा क्षेत्र केराना के प्रत्येक ग्राम में पंचायत कर किसानों मजदूरों को उनके उत्पीड़न के खिलाफ जन आंदोलन चलाया जाएगा। तय हुआ कि दिनांक 1 नवंबर 2020 से सुबह 10:00 तहसील मुख्यालय उन जनपद शामली पर पुण्य धरना प्रदर्शन करते हुए प्रत्येक दिन 10 आंदोलनकारी अपनी गिरफ्तारी देकर जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे। अब नवरात्रि एवं विजयदशमी को देखते हुए जनप्रिय उप जिलाधिकारी महोदय एवं तहसीलदार महोदय जनपद शामली के आश्वासन के बाद धरना स्थगित किया जाता है। वही सरकार किसान मजदूर हित की यह मांगे पूरी करेगी। धरना प्रदर्शन करने वालों में पप्पू नायक, साधु गुज्जर, धर्मवीर शर्मा ,किरण पाल, बनारसी, हरपाल कश्यप, मानसिंह, बिजेंदर, लाल सिंह आदि शामिल रहे।
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