गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

खिलाफतः विभाग के कर्मचारियों का कद बढ़ा

संदीप मिश्र


लखनऊ। निजीकरण की वापसी के बाद बिजली विभाग के अ​धिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। विभाग को बचाए रखना है तो कार्यों से समझौता नहीं किया जा सकता है। निजीकरण वापसी के दौरान सरकार और प्रबंधन की ओर से सफ तौर पर संदेशित किया गया है आपको मौका दिया गया है। इस बार उपभोाक्ताओं के हितों का ध्यान रखते हुए बेहतर आपूर्ति के साथ ही अधिक से अधिक राजस्व बढ़ोतरी हो सके, काम करना है। लेकिन इतना सब होने के बाद भी विभाग के अधिकारी काम नहीं करके, दूसरे संवर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर ठीकरा फोड़ने में लगे हैं। विभाग के उपखंड (जो डायरेक्ट हैं), अधिशासी, अधीक्षण और मुख्य अभियंता काम नहीं करने और लापरवाही का सीधा आरोप जूनियर इंजीनियरों यानि अवर अभियंताओं पर लगा रहे हैं। इन सभी अधिकारियों का सीधे तौर पर कहना है कि जूनियर इंजीनियर काम नहीं करते हैं। वे सिर्फ संगठन की राजनीति और अन्य कामों में लगे रहते हैं।                        


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