अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। केवल शादी के उद्देश्य से किए जाने वाले धर्म परिवर्तन को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। अदालत ने विपरीत धर्म के एक विवाहित युगल की याचिका को खारिज करते हुए याचिका कर्ताओं को संबन्धित मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत होकर अपना बयान दर्ज कराने की छूट दी है। याचिका कर्ताओं ने अदालत से मांग की थी कि वे याचिका कर्ताओं के परिजनों को उनके वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने से रोकें। लेकिन अदालत ने किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने से माना कर दिया।
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