जान की दुश्मन बनी विधुत विभाग की लापरवाही
आनंद भट्टाचार्य
गाजियाबाद। लोनी में बिजली विभाग को लेकर आये दिन कुछ न कुछ खबर सामने आती रहती है। लोनी के कुछ मोहल्लों का ऐसा हाल हुआ पड़ा है कि बताया नही जा सकता वहाँ पर तारो का जाल बना हुआ है। कही पर तार बहुत निचे लटक रहे है, और कहीं-कहीं तो इतने नीचे है कि कोई बच्चा भी उसे छू ले। अगर गलती से किसी बच्चे ने छू लिया और उसके साथ कोई दुर्घटना हो गयी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? बिजली विभाग या वहां के नेता या फिर प्रशासन? ऐसी दुर्घटना आये दिन होती रहती है, ये ज्यादातर जानवरों के साथ होता है। आये दिन गाय,घोड़े और भैस विद्युत करंट के कारण मर जाते है। बहुत लोगो की ये भी समस्या है कि उनके मोहल्लों में खम्बे नही है और ना ही लाइट लगी है। इन दोनों के लिए सरकार के पैसा आ चुका है मगर बिजली विभाग ने इन पैसों का क्या किया कुछ पता नही है। ना ही उन मोहल्लों में आज तक खम्बे लगे न ही लाइट। लोगो ने इस चीज़ पर शिकायत भी दर्ज कराई है मगर कोई सुनवाई नही है। लोगो ने एक बार नही 4,5 बार शिकायत की है फिर भी कोई फायदा नही है तो इसका मतलब हम ये मान ले कि जब तक किसी को पैसे न खिलाये जाए तब तक कोई कार्य नही होगा। खम्बों और लाइट का कोई छोटा-मोटा मामला नही है। ये बहुत बड़ा घोटाला है, लाखो-करोड़ों रुपये जनता के हित के लिए आते है। खम्बों और लाइटो के धन का क्या होता हैं। कुछेक स्थानो पर लाइट लगा कर, बाकी सारे पैसो का घोटाला हो जाता है।
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