राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। हरियाणा बिजली वितरण निगम के मुख्य प्रबंध निदेशक शत्रुजीत कपूर (आईपीएस) ने कहा कि राज्य में आगामी 18 महीनों में प्रदेश के सभी गांवों में 24 घंटे बिजली शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दूरगामी सोच ने प्रदेश में बिजली निगम के घाटे को उभारकर फायदे में पहुंचाया है, इसमें ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना का अहम योगदान है। बिजली वितरण निगम का 5 वर्ष पहले जहां करीब 80 प्रतिशत लाईनलोस था, अब वह घटकर 20 प्रतिशत के करीब रह गया है। भविष्य में इसे 15 प्रतिशत तक लाने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि हरियाणा बिजली वितरण निगम को जो लाभांश होगा, उसका दो प्रतिशत समाज हित में लगाया जाएगा, जिसकी शुरुआत आज करीब 20 लाख रुपए की लागत से काछवा गांव में सरदार पटेल के नाम से लाईब्रेरी से आरंभ किया है। इस योजना के तहत काछवा गांव की यह प्रदेश की पहली लाईब्रेरी है और आने वाले समय में हरियाणा में प्रतिवर्ष 40 से 50 ऐसी लाईब्रेरियां निगम द्वारा बनाई जाएंगी।
सीएमडी कपूर आज करनाल जिला के गांव काछवा में सरदार पटेल लाईब्रेरी के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लाईब्रेरी से युवाओं और बच्चों को विशेष लाभ मिलेगा, उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी। इस लाईब्रेरी में करीब 3 हजार ज्ञानवर्धक पुस्तकें रखी गई हैं। इस पुस्कालय को ग्राम पंचायत कमेटी बनाकर चलाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि पुस्तकालय के कार्य को और आगे बढ़ाना है और अपने बच्चों को पुस्तकालय के प्रति जागरूक करना है। पुस्तकालय युवाओं के लिए धरोहर होती है।
सीएमडी ने बताया कि पहले ग्रामीण क्षेत्र में केवल 12 घंटे बिजली दी जाती थी, लाईनलोस होने के कारण बिजली आपूर्ति में कट भी लग जाते थे। मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया कि इस लाईनलोस को खत्म करना है जिसके लिए ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना की शुरुआत वर्ष 2015 में कुरुक्षेत्र के गांव दयालपुरा से की गई। इसके उपरांत निगम के अधिकारी व कर्मचारियों की कठोर मेहनत के बाद लाईनलोस कम हुआ। जो लाईनलोस 5 साल पहले पहले 30 प्रतिशत था,अब उसमें 40 प्रतिशत कमी आई है। प्रदेश के करीब 7 हजार गांवों में से 4750 गांवों में इस समय 24 घंटे बिजली मिल रही है। करीब 100 गांवों में प्रक्रिया शुरू है। कैथल, सोनीपत, पलवल व नारनौल जिलों में ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना का कार्य तेजी से चल रहा है। अब प्रदेश के लोग समझने लगे हैं कि बिजली विकास की मूलभूत सुविधा है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हरियाणा सरकार द्वारा बिजली के रेट भी कम किए गए हैं, 200 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ता को 2 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट खर्चा देना होगा और खेती के लिए 10 पैसे यूनिट है, जबकि हरियाणा सरकार द्वारा 4 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदी जाती है। उन्होंने बताया कि उद्योग के लिए भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा राहत देने की घोषणा की गई है। जो उद्योग मालिक अतिरिक्त समय में रात को अपना उद्योग चलाएगा उसके लिए 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली कम रेट पर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले दिनों ट्रांसफर चोरी के काफी मामले सुनने को मिले, इनकी चोरी का सबसे बड़ा कारण ट्रांसफार्मरों का कॉपर का होना है, परंतु अब हरियाणा सरकार ने कॉपर के स्थान पर एल्युमीनियम के ट्रांर्सफार्मर लगाए जा रहे हैं जो सस्ते हैं और इनकी चोरी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि बिजली वितरण निगम अब मुनाफे में चल रहा है। वर्ष 2017-18 में निगम 412 करोड़ रुपये, वर्ष 2018-19 में 300 करोड़ रुपये और कोरोना के बावजूद भी वर्ष 2019-20 में 330 करोड़ रुपये का मुनाफा निगम ने किया है। इसका दो प्रतिशत लाभांश के रूप में सीएसआर स्कीम के तहत खर्च करना है। इसके तहत निगम ने निर्णय लिया है कि जिन गांवों में ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना के तहत निगम को सहयोग दिया है उन गांवों में सरदार पटेल के नाम से पुस्तकाल बनाए जाएंगे, जिनकी संख्या आने वाले समय में बढ़ती रहेगी।
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