लॉकडाउन में मिली पूरी तंख्वाह, फिर भी हैं। जीडीए और नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर।
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्प्लाईज़ फ़ैडरेशन के आवाहन पर प्रदेशव्यापी हड़ताल के तहत आज गाजियाबाद नगर निगम में भी कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। इस दौरान नगर निगम कर्मचारी संघ की अगुवाई में सभी कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार कर नगर निगम ऑफिस पर धरना दिया। प्रदेश में सरकारी कर्मचारी भी अब कई तरह की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, हाल ही में प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के भत्तों में कटौती की थी। हालांकि, यह कटौति अस्थाई है। इसके अलावा भर्ती में पहले संविदा पर कार्य करने के कैबिनेट से पास हुए बिल आदि के विरोध में अब सरकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार के खिलाफ हो गए हैं।
इसी के चलते इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज़ फेडरेशन के आह्वïान पर यूपी में भी प्रदेश व्यापी हड़ताल का आयोजन किया गया। नगर निगम गाजियाबाद में इस हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला है।
इस हड़ताल में स्थानीय निकाय कर्मचारी संघ, जलकल कर्मचारी संघ, नगर निगम वाहन चालक संघ आदि ने भी कार्य ठप कर हड़ताल में हिस्सा लिया। बाद में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया गया, जिसमें छठे वेतन मान को लागू करने, वेतन विसंगति दूर करने, बंद की गई कई बीमा पॉलिसी को लागू करने, संविदा पर नौकरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने आदि मांगें हैं।
इस धरने की अगुवाई में नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नैन सिंह, वाहन चालक संघ के अध्यक्ष अजित सिंह, महामंत्री सलीम सैफी, जलकल विभाग संघ के अध्यक्ष आदि बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे। दूसरी और जीडीए में भी आज कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। वहीं जीडीए कर्मचारियों ने भी प्रदेश व्यापी हड़ताल के चलते कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। कर्मचारी नेता पुनीति दिक्षित की अगुवाई में धरना दिया गया।
हमारा प्रश्न यह है। कि केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को पूरे लॉकडाउन के समय में और उसके बाद तनख्वाह सामी पर मिल रही है। यह भी कटु सत्य है। कि अधिकतर सरकारी कर्मचारी बिना पैसे लिए आपका काम नहीं करते हैं। ऐसे में इन सरकारी कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना कितना न्यायोचित है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.