मंगलवार, 13 अक्तूबर 2020

एससी ने दो बेटों को जमकर लताड़ लगाईं

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। एक मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने दो बेटों को जमकर लताड़ लगाई। ये बेटे अपने पिता की देखभाल नहीं कर रहे थे और उन्हें आर्थिक मदद भी देना बंद कर दिया था। इतना ही नहीं पुश्तैनी घर से पिता को बाहर भी कर दिया था। इसके बाद पिता को अपनी आजीविका के लिए खुद ही व्यवस्था करने को मजबूर होना पड़ा। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बेटों के वकील से स्पष्ट रूप से कहा कि बेटे अपने पिता के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते हैं। पिता की देखभाल करना कानून के तहत उनका एक कर्तव्य है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आप अपने पिता के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं। वह आपके पिता हैं। हमारे सामने इस बात को बताया गया है कि आप दोनों मल्‍टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। यह मत भूलिये कि आज आप जो भी हैं, अपने पिता की बदौलत हैं।’            


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