रविवार, 11 अक्तूबर 2020

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास जाने

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस: जाने क्या है इतिहास।


रायपुर। हर साल 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। बालिका दिवस को मनाने का उद्देश्य बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके अधिकारों के संरक्षण के बारे में जागरूक करना है। आधुनिक युग में लड़कियों को उनके अधिकार देने और उनके प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। यहीं कारण है कि इस दिशा में सरकारें काम कर रही है और कई योजनाएं लागू कर रही है।
क्या है अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस वर्ष 2012 से मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और उन्हें उनके अधिकार प्रदान करने में मदद करना, ताकि दुनिया भर में उनके सामने आने वाली चुनौतियों का वे सामना कर सकें और अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। साथ ही दुनिया भर में लड़कियों के प्रति होने वाली लैंगिक असामानताओं को खत्म करने के बारे में जागरूकता फैलाना भी है।
ये है अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बालिका दिवस मनाने की पहल एक गैर-सरकारी संगठन ‘प्लान इंटरनेशनल’ प्रोजेक्ट के रूप में की गई। इस संगठन ने “क्योंकि में एक लड़की हूँ” नाम से एक अभियान भी शुरू किया। इसके बाद इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया। फिर कनाडा सरकार ने 55वें आम सभा में इस प्रस्ताव को रखा। अंतत: संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर, 2011 को इस प्रस्ताव को पारित किया और इसके लिए 11 अक्टूबर का दिन चुना। इस प्रकार पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर, 2012 को मनाया गया और उस समय इसका थीम था “बाल विवाह को समाप्त करना है।           


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