जातिगत भेदभाव को लेकर नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने सुनाई आपबीती कहा आज तक समाज ने हमें नहीं अपनाया
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने समाज में फैली जाति की जकड़बंदी को तोड़ने की अपील की है। उत्तर प्रदेश के रहने वाले सिद्दीकी ने कहा है। कि हमारे समाज में जातिगत भेदभाव की जड़ें बहुत गहरी हैं। उन्होंने आपबीती बताते हुए कहा कि उनकी दादी की जाति के कारण अभी भी उनके गाँव में कुछ लोगों द्वारा उनके परिवार को स्वीकार नहीं किया गया है। एनडीटीवी से एक बातचीत में अभिनेता ने हाथरस गैंगरेप मामले को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह अच्छा है। कि लोग अपनी आवाज़ उठा रहे हैं।
सिद्दीकी ने कहा मेरी दादी छोटी जाति से ताल्लुक रखती थीं। जबकि मेरा परिवार शेख था। इस वजह से अभी भी गांव के लोग मेरे परिवार को अच्छी नजर से नहीं देखते हैं। अभिनेता ने कहा कि शहरी संस्कृति में भले ही जातियां गौण हो रही हों लेकिन ग्रामीण भारत में अभी भी जातियों का वर्चस्व हावी है। एक ही समुदाय में छोटी-बड़ी जातियों के बीच भेदभाव जारी है। उन्होंने कहा कि उनलोगों के ये फर्क नहीं पड़ता कि आप बॉलीवुड एक्टर हैं। या धनपति? उन्हें जातियों से मतलब है। अभिनेता ने कहा आज भी हम चाहें कि जो हमारे ममेरे रिश्तेदार हैं। उनकी शादी पैतृक रिश्तेदारों में कराऊं तो ये संभव नहीं है। सिद्दीकी ने कहा कि सोशल मीडिया का प्रभाव गांव के लोगों पर उतना नहीं है जितना शहरों में है। उन्होंने हाथरस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि लोगों को इसके खिलाफ आवाज उठानी ही चाहिए।
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