गठबंधन से अलग होने के बाद हरसिमरत कौर बोलीं, ये वो एनडीए नहीं जिसकी कल्पना वाजपेयी जी और बादल साहब ने की थी।
नई दिल्ली। कृषि विधेयक को लेकर भाजपा से चल रही अनबन के बीच शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अपना नाता तोड़ लिया है। भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी दलों में से एक शिरोमणि अकाली दल की ओर से काफी वक्त पहले से ही संसद के दोनों सदनों में पारित किए गए तीनों कृषि विधेयक का विरोध किया जा रहा है। अकाली दल के एनडीए के अलग होने के ऐलान के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने ट्वीट करते हुए कहा कि यदि तीन करोड़ पंजाबियों की पीड़ा और विरोध के बावजूद भारत सरकार का दिल नहीं पसीज रहा तो वो एनडीए नहीं है। जिसकी कल्पना वाजपेयी जी और बादल साहब ने की थी। ऐसा गठबंधन जो अपने सबसे पुराने सहयोगी की बात नहीं सुनता है। और पूरे देश का पेट भरने वालों से नजरें फेर लेता है। तो ऐसा गठबंधन पंजाब के हित में नहीं है। वहीं शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों की फसलों की खरीद की गारंटी देने से मना करने के कारण भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है।
बादल ने कहा, कोई भी गठबंधन या मंत्रालय अन्नदाता से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। हम पहले दिन से किसान और खेत मजदूर के साथ हैं। यही कारण है। कि हमने तीनों किसान विधेयक का विरोध किया और एनडीए से हटने का फैसला ले लिया। हम अब विधेयकों को निरस्त करने के लिए आंदोलन करेंगे। गौरतलब है। कि इससे पहले कृषि विधेयक पर विरोध दर्ज करवाते हुए केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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