प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, आज, 11 सितंबर को हम भारत में दो महत्वपूर्ण मील के पत्थर चिह्न्ति करते हैं। आचार्य विनोबा भावे की जयन्ती और जिस दिन स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपना उत्कृष्ट भाषण दिया। इन महापुरुषों के पास पूरी मानवता को सिखाने के लिए बहुत कुछ है।
उन्होंने आगे कहा, 1893 में स्वामी विवेकानंद के संबोधन ने भारत के लोकाचार की भावना और उन मूल्यों का पूर्ण प्रदर्शन किया जो हमारी भूमि का एक अभिन्न अंग हैं। मैं युवाओं से उनके भाषण को पढ़ने का आग्रह करता हूं।
बता दें कि कोलकाता में 12 जनवरी, 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो की धर्म संसद में वर्ष 1893 में भाषण देकर सनातन धर्म और संस्कृति की पूरी दुनिया में छाप छोड़ी थी। उन्होंने कहा था, मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहिष्णुता पर ही विश्वास नहीं करते बल्कि, हम सभी धर्मों को सच के रूप में स्वीकार करते हैं।
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