नई दिल्ली। पीएम मोदी गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे हैं। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण में छात्रों-अभिभावकों का भी योगदान। देश की एसप्रियेशन को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र , राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं। लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए: पीएम मोदी
शिक्षा नीति से जितना शिक्षक, अभिभावक जुड़े होंगे, छात्र जुड़े होंगे, उतना ही उसकी प्रासंगिकता और व्यापकता, दोनों ही बढ़ती है। देश के लाखों लोगों ने, शहर में रहने वाले, गांव में रहने वाले, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने, इसके लिए अपना फीडबैक दिया था, अपने सुझाव दिए थे: पीएम मोदी
गांव में कोई शिक्षक हो या फिर बड़े-बड़े शिक्षाविद, सबको राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अपनी शिक्षा शिक्षा नीति लग रही है। सभी के मन में एक भावना है कि पहले की शिक्षा नीति में यही सुधार तो मैं होते हुए देखना चाहता था। ये एक बहुत बड़ी वजह है राष्ट्रीय शिक्षा नीति की स्वीकारता की: PM मोदी। नई शिक्षा नीति, स्टेडिंग के बजाय लर्निंग पर फोकस करती है और कुर्रीकलूम से और आगे बढ़कर Critical Thinking पर ज़ोर देती है। इस पॉलिसी में Process से ज्यादा Passion, Practicality और Performance पर बल दिया गया है: पीएम मोदी
इसमें foundational learning और languages पर भी फोकस है। इसमें learning Outcomes और teacher training पर भी फोकस है। इसमें access और assessment को लेकर भी व्यापक रिफॉर्म्स किए गए हैं। इसमें हर student को empower करने का रास्ता दिखाया गया है: पीएम मोदी। आज दुनिया भविष्य में तेजी से बदलते Jobs, Nature of Work को लेकर चर्चा कर रही है। ये पॉलिसी देश के युवाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के मुताबिक स्कील्स, दोनों मोर्चों पर तैयार करेगी: पीएम मोदी । लंबे समय से ये बातें उठती रही हैं कि हमारे बच्चे बैग और बोर्ड एग्ज़ाम के बोझ तले, परिवार और समाज के दबाव तले दबे जा रहे हैं।
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