मानव तस्करों के गिरोह का भंडाफोड़, 19 नाबालिग बच्चों को दिलाई मुक्ति।
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। दिल्ली महिला आयोग की टीम ने गाज़ियाबाद पुलिस की मदद से मानव तस्करों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 19 बच्चों को तस्करों के जाल से मुक्त कराया। इस मामले में तीन महिलाओं समेत पांच तस्करों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस का कहना है कि नाबालिग और अन्य लोगों को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है, जिसके बाद उन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया जाएगा।
सीओ प्रथम अभय कुमार मिश्र ने बताया दिल्ली महिला आयोग की टीम ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी कि कुछ लोग नेपाल से मानव तस्करी कर नाबालिगों को दिल्ली ला रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम अलर्ट हो गई और विजय नगर बाईपास पर बस को रुकवा लिया। बस से 19 नाबालिगों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। इस बस में 19 नाबालिगों समेत 42 लोग मिले। इसके अलावा नाबालिगों की तस्करी करके ला रहे तीन महिलाओं समेत पांच तस्करों को हिरासत में लिया गया है। घटना की जानकारी लगते ही अधिकारियों ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पदाधिकारी विजयनगर थाने पहुंच गए।
लड़कियों की तस्करी की सूचना पर गाड़ी से पीछा कर रही थी टीम पुलिस के मुताबिक, आयोग की टीम को सूचना मिली थी कि नाबालिग लड़कियों को तस्करी कर दिल्ली ले जाया जा रहा है। उसके बाद महिला आयोग की टीम गढ़मुक्तेश्वर पहुंच गई। रास्ते में संदिग्ध बस दिखाई देने पर टीम ने उसका पीछा शुरू कर दिया। विजयनगर थाना क्षेत्र में विजयनगर बाईपास पहुंचने पर टीम ने बस रुकवा ली और पुलिस को सूचना दे दी।
अमर उजाला की खबर के अनुसार बस में 42 मजदूरों के अलावा तीन महिलाएं और दो पुरुष भी थे। बताया गया कि बस में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं थीं। अधिकांश बच्चों के मुंह पर मास्क भी नहीं थे। मानव तस्करी के साथ-साथ पुलिस को कोविड-19 अधिनियम के तहत भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि तस्करों द्वारा नाबालिगों को मोमोज व अन्य फास्ट फूड सेंटर पर मजदूरी के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था। पुलिस नाबालिग बच्चों के परिजनों से भी संपर्क साधने की कोशिश कर रही है। पुलिस का मानना है कि परिजनों से पूछताछ के बाद मानव तस्करी का मामला पूरी तरह पुष्ट हो सकेगा। इसके लिए नेपाली दूतावास के अधिकारियों की मदद भी ली जाएगी।
श्रम विभाग ने कार्रवाई से किया इनकार।
नाबालिगों को मजदूरी के लिए दिल्ली ले जाने का मामला पता लगने के बाद पुलिस ने श्रम विभाग से संपर्क किया लेकिन उन्होंने रात के वक्त कार्रवाई से इंकार कर दिया। उन्होंने दलील दी कि किसी प्रतिष्ठान पर दिन के वक्त मजदूरी करते पकड़े जाने पर श्रम विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को कार्रवाई के निर्देश दिए।
नाबालिगों का होगा मेडिकल परीक्षण और कोरोना टेस्ट।
पुलिस का कहना है कि रेस्क्यू कराए गए सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा, साथ ही नाबालिगों का मेडिकल परीक्षण भी होगा। सीओ प्रथम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि बस से 19 नाबालिगों को रेस्क्यू कराया गया है। तहरीर प्राप्त होने पर सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जंगल के रास्ते तस्करी कर लाए गए नाबालिग।
सूत्रों के मुताबिक, नेपाली एनजीओ ने दिल्ली महिला आयोग की टीम को सूचना दी थी, जिसके बाद नेपाल बॉर्डर पर सख्ती कर दी गई थी। लेकिन दो दिन की रेकी के बाद भी बॉर्डर से कोई नहीं निकला। बाद में पता चला कि नाबालिगों को जंगल के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश कराया गया है। अलग-अलग स्थानों से नाबालिगों को इकट्ठा कर उन्हें बस के जरिये दिल्ली भिजवाया जा रहा था।
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