भानु प्रताप उपाध्याय
शामली। सितम्बर माह चलेगा पोषण अभियान। जिलाधिकारी
भारत सरकार के द्वारा सितम्बर महिने को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके तहत सुपोषण को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक प्रोत्साहन हेतु पूरे माह विभिन्न प्रकार की गतिविधियाॅ आयोजित होगी। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने आज पूरे माह चलने वाले पोषण अभियान का शुभारंभ कलेक्ट्रेट सभागार में फीता काटकर किया। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य यह है कि अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया जाए। ओर अधिक से अधिक कुपोषण वाटिका का निर्माण कराया जाये। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी को अवगत कराया कि पोषण माह को सफल बनाने हेतु लगभग 15 विभागों के अधिकारियों को इस सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं।जिलाधिकारी ने पोषण माह से जुड़े संबंधित विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि पोषण माह को सफल बनाने के संबंध में जो भी दायित्व पर गए हैं,उनका निर्वाहन प्राथमिकता से करें ताकि जिला प्रथम स्थान पर रहे।इसके अलावा परे माह में स्वास्थ्य एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों की पहचान स्वास्थ्य जाॅच व जरूरी उपचार के साथ ही माताओं को बच्चें की बेहतर देखभाल एवं स्वयं के खान-पान से जुड़ी-विभिन्न प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराई जायेंगी।स्तनपान के साथ ही ऊपरी आहार से बच्चों मेें कुपोषण के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। बच्चों के जीवन के प्रथम 1000 (एक हजार) अन्तर्गत 06 माह तक केवल स्तनपान, (पानी, शहद घुट्टी कुछ भी नहीं) सातवें माह से अर्द्धठोस आहार की शुरूआत, 02 वर्ष तक सतत स्तनपान जारी रखने व सुपोषित आहार से शिशु के शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं। जिससे उसका बेहतर शारीरिक व मानसिक विकास होता हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाॅं एवं आशाएॅ पूरे माह भ्रमण करके माताओं को जागरूक करेंगी।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाॅ एवं आशाएॅ पोषण माह के दौरान महिलाओं को फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों के महत्व को भी बतायेगी तथा उन्हें अपने दैनिक आधार में सम्मिलित करने के लिए प्रेरित भी करेंगी। मौसमी फल, पत्तेदार सब्जी, बैंगन, टमाटर, भिन्डी, तोरई, लौकी, परवल, कद्दू, पुदीना, गाजर, सहजन एवं तुलसी अदरख, गिलोय आदि स्वास्थ्य वर्धक पौधों को लगाने का भी विशेष अभियान चलाया जायेगा।इस अभियान के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र एवं शासकीय भवन परिसरों में प्राथमिकता के आधार पर पौधरोपण होगा तथा लोगों को अपने आस-पास औषधीय पौधों को लगाने के लिए भी प्रेरित किया जायेगा। कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ती द्वारा अति कुपोषित बच्चों के चिन्हिकरण के दौरान कॉविड 19 के दृष्टिगत मुंह पर मास्क,सैनिटाइजर हमेशा अपने साथ रखा जाए।इसके अलावा उनके द्वारा कोरोना महामारी के संबंध में भी परिवार वालों को कोरोना से सुरक्षा हेतु मुंह पर मास्क लगाने, हाथों को बार बार साबुन पानी से धोने, एवं अनावश्यक बाजारों में जाने से बचने के लिए भी प्रेरित करना है,और यदि उस परिवार में किसी व्यक्ति बुखार या खांसी के लक्षण मिलते हैं तो उसकी भी जानकारी उपलब्ध कराई जाएं। ताकि समय से उसकी टेस्टिंग कराई जा सके।शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में किचेन गार्डन की स्थापना के निर्देश भी शासन स्तर से जारी किये गये है ताकि बच्चों को मध्यान्ह भोजन में ताजी एवं पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियाॅ भोजन के रूप में मिल सकें।जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सभी कार्यक्रम कोविड-19 के दृष्टिगत निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए आयोजित किये जायेगे।
पोषण माह की मुख्य गतिविधियाॅः
सर्वप्रथम गंभीर तीव्र कुपोषित बच्चों की प्रारंभिक पहचान।स्तनपान के साथ ऊपरी आहार को बढ़ावा देना। किचेन/न्यूट्री गार्डन हेतु पौधे लगाये जाने पर बढ़ावा। वृक्षारोपण का अभियान (‘‘पोषण के लिए पौधे‘‘)पोषण विषय पर आॅन-लाइन प्रतियोगिता।डिजिटल पोषण पंचायत। बेबिनार्स (वीडियों कान्फ्रेन्स)।बेस्ट प्रैक्टिस एवं सक्सेज स्टोरीज।समुदाय स्तर पर जन-सहभागिता। सैम बच्चों में कुपोषण के स्तर में कमी लाना। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी शंभू नाथ तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष कुमार श्रीवास्तव, सहित पोषण माह से जुड़े अधिकारी एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ती आदि उपस्थित रही।
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