रविवार, 27 सितंबर 2020

पीएम मोदी की 69वीं बार 'मन की बात'

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने 69वीं बार 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। इस दौरान कोरोना संकट के बीच सावधानियां रखने, बच्चों का ख्याल रखने और किसान बिलों पर उनका फोकस रहा। उन्होंने भरोसा दिया कि नए किसान बिलों से किसानों को फायदा ही होगा। उन्हें जहां ज्यादा कीमत मिलेगी अपनी फसल और फल वहीं बेंच सकेंगे। प्रधानमंत्री ने इशारों ही इशारों में चीन और पाकिस्तान को हिदायत भी दी। कोरोना के कालखंड में दो गज की दूरी जरूरी बन गई है। इस दौरान कई परिवारों को दिक्कतें भी आईं। परिवार के बुजुर्गों ने बच्चों को कहानियां सुनाकर समय बिताया। कहानियां संवेदनशील पक्षों को सामने लाती हैं। जब मां बच्चे को खाना खिलाने के लिए कहानी सुनाती है, उसे देखना दिलचस्प होता है। मुझे कई किसानों, संगठनों की चिट्ठियां मिलती हैं कि खेती में कैसे बदलाव आ रहे हैं। हरियाणा के किसान कंवर चौहान ने बताया कि उन्हें मंडियों से बाहर फल-सब्जी बेचने में दिक्कत आती थी। गाड़ियां जब्त हो जाती थीं। 2014 में एपीएमसी एक्ट में बदलाव हुए। उन्होंने एक समूह बनाया। अब उनकी चीजें फाइव स्टार होटलों में सप्लाई हो रही हैं। ढाई से तीन करोड़ सालाना कमा रहे हैं। यही ताकत देश के दूसरे किसानों की ताकत है। गेहूं, धान, गन्ना या किसी भी फसल को जहां मर्जी हो, वहां बेचने की ताकत मिल गई है। पुणे, मुंबई में किसान साप्ताहिक बाजार खुद चला रहे हैं। इसका सीधा लाभ होता है।                 


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