लहसुन पहाड़ी क्षेत्रों की एक प्रमुख नगदी/व्यवसायिक फसल है। पारंपरिक रूप से उगाई जाने वाली लहसुन जैविक होने के साथ ही अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट व औषधीय गुणों से भरपूर भी होती है जिस कारण बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है। उद्यान विभाग के वर्ष 2015-16 में दर्शाये गये आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1530.45 हैक्टर क्षेत्र फल में लहसुन की खेती की जाती है जिससे 9768.25 मैट्रिक टन उत्पादन होता है।
जलवायु – ऐसी जगह जहां न तो बहुत गर्मी हो और न ही बहुत ठण्डा लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त है। लहसुन की खेती 1000 से 1500 मीटर तक की ऊंचाई वाले क्षेत्र जहां तापमान 25 – 35 डिग्री सेल्सियस रहता हो आसानी से की जा सकती है।
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