पत्रकारों को ब्लैकमेलर कहने पर सांसद मेनका गांधी के खिलाफ कोर्ट में याचिका,गांधी की मुश्किलें बढ़ना तय
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद मेनका गांधी द्वारा पत्रकारों को ब्लैकमेलर कहने पर उनके खिलाफ मानहानि समेत विभिन्न धाराओं में याचिका दाखिल की गई है। दरअसल भरी सभा में मीडिया वालों को ब्लैकमेलर कहा जाना एक पत्रकार को अखर गया।इसके बाद अधिवक्ता एवं पत्रकार राजेश मिश्रा ने उनके खिलाफ अवमानना समेत कई धाराओं में केस दर्ज करवाया है। इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के जज पीके जयंत ने सुनवाई की तिथि मुकर्रर कर दी है। दरअसल, अपने पिछले दौरे पर कथित तौर पर एक स्थानीय व्यवसायी और भाजपा नेत्री द्वारा सांसद मेनका गांधी के पत्रकारों के खिलाफ कान भरने के बाद उन्होंने एक कार्यक्रम में विवादित बयान दिया था। जिसके बाद स्थानीय न्यायालय में परिवाद दर्ज कर लिया गया। याचिका स्वीकार किए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांंसद मेनका गांधी की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है।
याची अधिवक्ता एवं पत्रकार राजेश मिश्रा ने अपनी याचिका में कहा है कि सांसद ने विगत 10 अगस्त को दूबेपुर ब्लॉक में आयोजित जिला एवं निगरानी समिति की बैठक में यह बयान दिया कि स्थानीय पुलिस द्वारा आम आदमी को मास्क लगाने के लिए जबरन न कहा जाए। वह मरे तो हमारी बला से। इसी बैठक में मेनका गांधी ने यह बयान भी दिया कि लॉकडाउन के दौरान हॉट स्पॉट की स्थिति में व्यावसायिक गतिविधियां चलने पर पत्रकार द्वारा खबर बनायी जाती है।उसके बाद व्यापारी को ब्लैकमेल किया जाता है। पत्रकार ब्लैकमेलर होते हैं। उक्त कार्यक्रम में जिलाधिकारी सी. इंदुमती, पुलिस अधीक्षक शिव हरी मीणा समेत निगरानी समिति से सम्बंधित अधिकारी और मीडिया से जुड़े लोग भी मौजूद थे।
बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अधिवक्ता एवं पत्रकार राजेश मिश्रा ने श्रीमती गांधी के इस बयान को आधार बनाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए अदालत में मानहानि समेत विभिन्न धाराओं में याचिका दाखिल की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है।इस याचिका के स्वीकार होने से श्रीमती गांधी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। अदालत में याचिका स्वीकार होने की खबर के बाद राजनैतिक गलियारे में हलचल मची हुई है। जिले में तरह तरह की चर्चा व कयासों का सिलसिला चल पड़ा है।
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