चीन को परेशान करने वाली सड़क बनकर तैयार।
बीजिंग। लद्धाख में चीन से जारी तनाव के बीच देश ने एक और कामयाबी हासिल की है। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानि की बीआरओ ने लेह को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने के लिए एक नई सड़क का निर्माण तकरीबन पूरा कर लिया है। यह सड़क मनाली को लेह से जोड़ेगी। इससे सेना के जवानों की आवाजाही और आसान हो जाएगी। इसे नीमो-पदम-दारचा के नाम से जाना जाएगा।
दरअसल, यह सड़क किसी भी सीमा से दूर होगी, जिससे पड़ोसी देशों से इस सड़क पर गुजरने वाले सेना के काफिलों की निगरानी असंभव है। यह सड़क सुरक्षा बलों के लिए इसलिए अहम है क्योंकि दुश्मन की नजर में आए बिना सुरक्षाबल लद्दाख तक अपनी पहुंच बना सकेंगे। दो अन्य सड़कें- श्रीनगर-कारगिल-लेह और मनाली सरचू-लेह मार्ग को आसानी से दुश्मन देख पाता है क्योंकि ये सड़कें अंतर्राष्ट्रीय सीमा के करीब हैं, जिसकी वजह से दुश्मन के लिए उन पर निगरानी रखना आसान हो जाता है।
258 किमी लंबे इस हाइवे से मनाली से लेह जाने में करीब 5-6 घंटे की बचत होगी। हाइवे के निर्माण में सिर्फ 30 किमी का काम ही बाकी है। खास बात ये है कि ये सड़क ऑलवेदर रूट है, मतलब हर मौसम में इस पर आवाजाही हो सकेगी।
भारत ने दारचा और लेह को जोड़ने वाले हाइवे का काम बहुत जल्दी पूरा कर लिया है। इस रास्ते से सैनिकों के लिए रसद और हथियार पहुंचाने में काफी आसानी होगी। इस हाइवे से कारगिल क्षेत्र में भी पहुंच आसान हो जाएगी। 16 सीमा सड़क कार्यबल के कमांडर और सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर एमके जैन ने बताया कि निम्मू-दारचा-लेह को जोड़ने वाला हाइवे जल्द ही शुरू हो जाएगा।
258 किमी लंबे इस हाइवे से मनाली से लेह जाने में करीब 5-6 घंटे की बचत होगी। वहीं, पहले की दो सड़कों से मनाली से लेह जाने में तकरीबन 12-14 घंटे लगते थे। इस तीसरी सड़क को साल के 10-11 महीने खोला जा सकेगा। हाइवे के निर्माण में सिर्फ 30 किमी का काम ही बाकी है। सूत्रों के मुताबिक हिमाचल से लद्दाख तक एक और वैकल्पिक मार्ग को दोबारा खोलने का काम चल रहा है और यह 2022 तक चालू हो सकता है।
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