मोदीनगर। कोरोना पॉजिटिव महिला की मृत्यु होने पर शुक्रवार दोपहर पूरे परिवार को गाजियाबाद के अस्पताल में क्वारंटाइन कर दिया गया। दो दिन पहले ही महिला का अंतिम संस्कार हुआ था। अब शुक्रवार से पूरा परिवार क्वारंटाइन है। पितरों के दिनों में भी महिला की अस्थियां विसर्जित नहीं हो सकी हैं। घर पर ताला लगा हुआ है। वहीं क्वारंटाइन परिवार का आरोप है कि शुक्रवार शाम से उन्हें खाने-पीने के लिए कुछ नहीं मिला है। यहां शौचालयों में पानी तक नहीं है। गंदगी फैली हुई है।
गांव बिसोखर निवासी एक महिला की कुछ दिनों पहले तबीयत खराब हो गई थी। उपचार के लिए उन्हें शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत गंभीर होने के चलते उन्हें मेरठ के अस्पताल में रेफर कर दिया था, जहां उपचार के दौरान महिला की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद स्वजन शव को वापस ले आए थे और आसपास के लोगों के साथ मिलकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके कुछ ही समय बाद मेरठ के अस्पताल से फोन आया कि मृतक महिला कोरोना पॉजिटिव थी। इसकी जानकारी स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को भी मिली तो सभी की कोरोना जांच कराना अनिवार्य किया, लेकिन बिना जांच कराए ही सभी को गाजियाबाद के क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती करा दिया गया है। स्वजन के अनुसार, शुक्रवार दोपहर गाजियाबाद सीएमओ कार्यालय से उनके पास फोन आया कि कोरोना जांच कराने के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया जाएगा। जिसके बाद मृतका के दोनों पुत्र, पुत्रवधु व पोते समेत पड़ोसी युवक को गाजियाबाद के आइडीएल सेंटर में क्वारंटाइन कर दिया गया, लेकिन शनिवार तक किसी की भी कोरोना जांच नहीं कराई गई। उनके घर पर इस समय ताला लगा हुआ। वहीं परिवार के लोगों का आरोप है कि पहले तो बिना कोरोना जांच कराए उन्हें भर्ती करा दिया गया। अब खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं दिया जा रहा है। शौचालयों में बुरी तरह गंदगी फैली पड़ी है। पानी की व्यवस्था नहीं है। उधर परिवार का कोई सदस्य घर पर नहीं होने के चलते अभी तक महिला की अस्थियां भी विसर्जित नहीं हो सकी हैं। इस बारे में मोदीनगर सीएचसी के प्रभारी डॉ. कैलाश चंद का कहना है कि क्वारंटाइन सेंटर गाजियाबाद में है। इस तरह का मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
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