मुख्यमंत्री ने कोरोना नियंत्रण में सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लेने कहा
कोरोना के संभावित मरीज जांच के लिए सैंपल देने के बाद खुद को रखें आइसोलेट
मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में हुई
कोविड-19 की रोकथाम के प्रभावी उपायों पर चर्चा
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोरोना की रोकथाम के लिए सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी और स्वंयसेवी संस्थाओं की भी सहायता लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभिन्न समाजों द्वारा संचालित धर्मशालाओं तथा आश्रम संस्थाओं के साथ ही उनके संचालन से जुड़े लोगों को भी कोरोना नियंत्रण से जोड़ने कहा है। मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास कार्यालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और कलेक्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की सिफारिश और दबाव में आए बिना डॉक्टरों की सलाह एवं मरीज की स्थिति के अनुसार उन्हें बेहतर इलाज मुहैय्या कराएं। उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, प्रदीप शर्मा, राजेश तिवारी और रूचिर गर्ग, मुख्य सचिव आर.पी. मंडल, स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों और कोरोना केयर सेंटर्स में ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के साथ ही कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच में तेजी लाने और जांच का दायरा बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कोविड अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटर्स में ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों और नर्सों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, जिससे उनकी बेहतर तरीके से देखभाल हो सके। उन्होंने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ का अस्पताल के वार्डों में नियमित राउंड के साथ ही वहां भर्ती मरीजों से सतत् संवाद बनाए रखने कहा। इसके लिए उन्होंने मेडिकल कॉलेज के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों और नर्सिंग कॉलेजों के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की सेवाएं लेने का भी सुझाव दिया।
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