अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने लाकडाउन के दौरान रद उड़ानों के यात्रियों के पूरे पैसे वापस करने के मामले में शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने गैर-सरकारी संगठन प्रवासी लीगल सेल की याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
इससे पहले सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार को केवल यात्रियों की चिंता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ट्रेवल एजेंट ने विमानन कंपनियों के पास अग्रिम पैसे जमा कराए हैं तो उस पर उसे कुछ नहीं कहना। यह विमानन कंपनियों और ट्रेवल एजेंट के बीच एक करार है और नागरिक विमानन महानिदेशालय को इससे कोई लेनादेना नहीं है। इस बीच विमानन कंपनी गो एयर के वकील ने कहा कि कंपनी वित्तीय कठिनाइयों से गुजर रही है। इस पर न्यायमूर्ति भूषण ने कहा कि आपकी कंपनी को दिक्कत है इसके लिए यात्री क्यों सफर करे? इसके बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
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