किसान आंदोलन से घबराए हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपील करते हुए आंदोलन की आड़ में असमाजिक तत्व हिंसा ने फैला दे। आंदोलन छोड़कर बातचीत करने की करी अपील।
राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां जारी एक अपील में किसानों के हितों की सुरक्षा के प्रति हरियाणा सरकार की सतत् प्रतिबद्धता को पुन। स्पष्ट करते हुए कहा कि जहां लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। वहीं प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखना सरकार का परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि तीनों अध्यादेश पूरी तरह किसान हित में हैं ।और यह दुख की बात है। कि विपक्षी दल अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए भोले-भाले किसानों को बरगला और भटका रहे हैं।उन्होंने स्वयं किसान पुत्र होने के नाते सभी किसान भाइयों से दीनबंधु चौ. छोटूराम जी की उस बात को याद करने की भी अपील की जिसमें उन्होंने किसानों को अपना दुश्मन पहचानने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि इस समय जो लोग केंद्र सरकार के अध्यादेशों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं वे किसानों के असली दुश्मन हैं। और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों की शक्ति का दुरूपयोग करना चाहते हैं।
उन्होंने किसान संगठनों से अनुरोध किया कि वे 20 सितंबर के कार्यक्रम के दौरान यह सुनिश्चित करें कि नागरिकों तथा यात्रियों को कम से कम असुविधा हो। विशेषकर अस्पताल जा रहे मरीज।गर्भवती महिला आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों के रास्ते में कोई रूकावट न आए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रदर्शन करना हर किसी का अधिकार है। लेकिन आंदोलन का शांतिपूर्ण होना एवं कानून-व्यवस्था बने रहना भी जरूरी है। उन्होंने किसानों को सचेत करते हुए यह भी कहा कि कई बार आंदोलन की आड़ में असमाजिक तत्व अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए हिंसा फैला देते हैं जिससे आंदोलन बदनाम होते हैं। इसलिए शरारती तत्वों से सावधान रहना बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि हरियाणा का मुख्यमंत्री होने से पहले किसान होने के नाते उनके लिए किसान हित सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार के अध्यादेशों में किसान के हित को जरा सी भी आंच आती होती तो वे इनका विरोध करने वाले पहले व्यक्ति होते। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेता बार-बार किसान की फसल भविष्य में समर्थन मूल्य पर न बिकने का झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में उनके कार्यकाल में हर सीजन में फसल का दाना-दाना समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है।और सरकार आगे भी एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध हैं।विपक्षी नेताओं द्वारा केंद्र के अध्यादेशों से भविष्य में मंडियां बंद हो।जाने की आशंका का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने संकल्प व्यक्त किया कि मण्डी व्यवस्था पहले की तरह जारी ही नहीं रहेगी बल्कि पहले से भी अधिक मजबूत की जाएगी ताकि किसानों को फसल बेचने के लिए किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
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