बुधवार, 30 सितंबर 2020

कमजोर हड्डियों का दिल पर भी बुरा प्रभाव

कमजोर हड्डियां सिर्फ शरीर को ही कमजोर नहीं बनाती बल्कि हृदय के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर डालती हैं। अगर आप अपने हृदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अपने हड्डियों को मजबूत बनाना बेहद जरूरी है।
लंदन की क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ हैंपटन के मेडिकल रिसर्च काउंसिल लाइफकोर्स इपिडेमियोलॉजी यूनिट के एक हालिया शोध में हड्डियों में मिनरल की कम मात्रा और खराब हृदय स्वास्थ्य के बीच संबंध पाया गया है। शोध में पाया गया है कि महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही हड्डियों के कमजोर होने से हृदयरोग पनपते हैं। 
जर्नल ऑफ बोन में प्रकाशित इस शोध में यूके बायोबैंक के डाटा का इस्तेमाल किया गया है। शोधकर्ताओं ने इमेजिंग और रक्त बायोमार्कर डाटा के कई प्रारूपों का संयुक्त तरीके से इस्तेमाल कर हड्डियों और हृदय के स्वास्थ्य के बीच संबंधों का आकलन किया। 
इन कारणों से कमजोर हो सकती है हड्डी-
इनदिनों गठिया और हृदय की बीमारियों सबसे बड़े स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में उभर रहे हैं। दोनों तरह की बीमारियों की वजह बढ़ती उम्र, धूम्रपान और असक्रिय जीवनशैली है। शोध से पता चलता है कि जोखिम कारकों के समान होने के अलावा भी दोनों के बीच संबंध हो सकते हैं। इस शोध से यह भी पता चलता है कि दोनों तरह की समस्याओं का जैविक पाथवे भी समान हो सकता है। इस शोध से दोनों बीमारियों के लिए दवा की खोज आसान हो सकेगी। 
सख्त हो जाती हैं धमनियां-
शोधकर्ताओं ने पाया कि हड्डी का घनत्व कम होने का संबंध धमनियों के सख्त होने से था। जिन महिलाओं और पुरुषों की हड्डी कमजोर थीं उनके हृदय की धमनियां ज्यादा सख्त थीं। शोध में पाया गया कि हड्डी में कमजोरी से जूझ रहे मरीजों में हृदयघात से मौत होने का खतरा ज्यादा था। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि हड्डी और हृदय के स्वास्थ्य की प्रणालियां पुरुषों और महिलाओं में अलग थी। 
शोधकर्ता डॉक्टर जहरा राइशी  ने कहा, हमारे शोध में कमजोर हड्डियो और दिल की बीमारियों के बीच सीधा संबंध पाया गया है। प्रोफेसर निक हार्वे ने कहा यूके बायोबैंक में मौजूद डाटा का बड़े पैमाने पर विश्लेषण करने पर पाया कि मस्क्यूलोस्केलेटल और कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य का जैविक पाथवे एक जैसा है और इस खोज से इन दोनों के लिए दवा बनाने में मदद मिल सकती है। प्रोफेसर स्टीफन पीटरसन ने कहा, हृदयरोगों के जोखिम कारकों के बारे में जानकारी बढ़ने से उससे बचाव और उसके इलाज के बेहतर तरीकों के बारे में जाना जा सकेगा। 
इन चीजों के सेवन से मजबूत होंगी हड्डियां-
कैल्शियम के स्रोत : 
कैल्शियम के लिए आप दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां आपको कैल्शियम और आयरन दोनों ही देने में मदद करती है। मछली भी अच्छा विकल्प है। साबुत अनाज, केले, सार्डिनेस, सालमन, बादाम, ब्रेड, टोफू और पनीर कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
विटामिन डी के स्रोत : 
आप विटामिन डी के लिए फैटी फिश जैसे टूना, मेकरेल, सेलमॉन, अंडे का सफेद भाग, सोया मिल्क, डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही वगैरह मशरूम, अनाज, चीज, संतरे का जूस, कोका को आहार में शामिल कर सकते हैं। 
पोटैशियम के स्रोत : पोटैशियम के लिए आप अपने आहार में जड़ यानी कंद-मूल शामिल करें। इनमें शकरकंद, आलू छिलके के साथ सहित अच्छा विकल्प है। इसके अलावा दूध या दूध से बनी चीजें भी आप आहार में शामिल कर सकते हैं।
मैग्नीशियम के स्रोत : 
मैग्नीशियम के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। पालक मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत होता है। इसे अलावा टमाटर, आलू, शकरकंद भी ले सकते हैं।
नंबर गेम-
हड्डियों का एक सामान्य वयस्क में +1 से -1 एसडी घनत्व होना चाहिए 
हड्डियों का घनत्व गठिया की बीमारी होने पर -2.5 एसडी हो जाता है।             


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