शादी का कार्ड छापने वाली फर्म से हुई मेडिकल उपकरणों की खरीद।
अयोध्या। प्रदेश के कई जनपदों में पल्स आक्सीमीटर व आईआर थर्मामीटर की खरीद मे हुए घोटाले में अयोध्या जनपद किसी से पीछे नहीं है। प्रदेश भर मे हुए इस घोटाले की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी को जांच के निर्देश दे दिए हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि यदि जांच में पूरी पारदर्शिता बरती गई तो अयोध्या जनपद के पंचायत राज विभाग पर गाज गिरना तय है। अयोध्या जनपद में कोरोना के मरीजों को घर-घर जाकर उनकी खोज करने का दायित्व आशा बहुओं को सौंपा गया है । इस कार्य के लिए उनको पल्स आक्सीमीटर व आईआर थर्मामीटर दिए गए हैं। शासन ने दोनो उपकरणों की खरीद के लिए 2800 रुपए कीमत तय की थी। यह खरीद स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से होनी थी। फिर भी जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जिम्मेदारी पंचायत राज विभाग को सौंप दिया। जिला पंचायत राज अधिकारी ने सभी ग्राम प्रधानों को खण्ड विकास अधिकारियों के माध्यम से निर्देश दे दिए कि वे आशा बहुओं को पल्स आक्सीमीटर व आईआर थर्मामीटर ग्राम सभा के बजट से खरीद कर दें। कहने को तो दोनों उपकरणों की खरीद ग्राम सभा में गठित निगरानी समिति की देखरेख में ग्राम प्रधानों ने की जैसा कि जिला पंचायत राज अधिकारी बताते हैं।किन्तु हकीकत इससे इतर है। हुआ यूं कि डीपीआरओ सत्य प्रकाश सिंह की सहमति पर कुछ जीएसटी।टिन धारकों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया। जिनके टिन नम्बर पर बिक्री की गई उनको मेडिकल उपकरण बेचने का कोई अधिकार नही है। एक ग्राम सभा में नगर के चौक जमुनिया बाग स्थिति मेसर्स शादी विवाह नामक फर्म से 4240 रुपए का बिल भेजा गया है। वाणिज्य कर विभाग ने फर्म को स्टेशनरी व शादी विवाह के कार्ड बिक्री करने के लिए टिन नम्बर दिया है। दरअसल लाखों रुपये की कमीशन खोरी के लिए ऐसा किया गया है। जनपद मे कुल 2270 आशा बहू हैं। इस प्रकार 9624800 रुपए के उपकरण खरीदने की बात सामने आ रही है। शासन ने 2800 रुपये में यह दोनों उपकरण खरीदने के निर्देश दिए थे। ऐसे मे 2268800 रुपए का खेल पल्स आक्सीमीटर व आईआर थर्मामीटर की खरीद में किया गया। इस खरीद में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि डीपीआरओ सत्य प्रकाश इस खरीद से पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति की देखरेख मे पल्स आक्सीमीटर व आईआर थर्मामीटर खरीदे गए। यदि उनकी बात को मान लिया जाय तो बड़ा सवाल यह है कि क्या पूरे जनपद में हुई मेडिकल के सामानों की खरीद बिना किसी सक्षम अधिकारी के निर्देश दिए बगैर की गई। जिले में आशा बहुओं के लिए की गई मेडिकल के उपकरणों की खरीद सवालों के घेरे में है। यदि निष्पक्ष जांच हुई तो पंचायत राज विभाग पर गाज गिरनी तय हैं।
अयोध्या के आला हाकिमो की धुकधुकी तेज।
अयोध्या। पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मल स्कैनर घोटाला का जिन बोतल से बाहर निकल आने के बाद आला अधिकारियो की धुकधुकी तेज हो गई है। सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा घोटाला जांच के लिए 3 सदस्यों की टीम गठित कर जांच रिपोर्ट 10 दिन के भीतर सौंपने के फरमान के बाद आदमी को सांप सूंघ गया है।घोटाला के बाबत मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेश कुमार ने जहां मीडिया का फोन उठाने बंद कर दिए हैं वही जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने भी मीडिया से दूरी बना ली है।मजे की बात तो यह है कि डीपीएम उपेंद्र को पुन: कोविड-19 पॉजिटिव निकलने से वह होम आइसोलेशन में चले गए हैं। फोन पर जब भी संपर्क किया जाता है एक ही रोना रोते हैं बीमार है उन्हें कुछ जानकारी नहीं है।
दूसरी ओर एसआईटी टीम के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार को बनाया गया है।अन्य दो सदस्यों में सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित गुप्ता और सचिव नगर विकास व एमडी जल निगम विकास गोथलवाल शामिल हैं।फिलहाल यह तय हो चुका है कि जांच सही ढंग से हुई तो जिला पंचायत राज अधिकारी नप जाएंगे।
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