बीजिंग/ इस्लामाबाद। जिनपिंग को खुश करने के लिए इमरान खान ने पाकिस्तान का समंदर भी चीन के हवाले कर दिया है। पाकिस्तान ने चीनी जहाजों को अपने समुद्र तट में मछली पकड़ने की इजाजत दे दी है और चीन ने लगे हाथ यहां शिकार भी शुरू कर दिया है। लेकिन समंदर के इस सौदे ने पाकिस्तानियों को गुस्से से लाल कर दिया है। हजारों मछुआरों का हुजूम सड़कों पर उतर आया है, हर कोई इमरान और जिनपिंग को खरी खोटी सुना रहा है।
इमरान ने छीना मछुआरों का निवाला
शातिर चीन की चाल में फंसे पाकिस्तान ने चीन के जहाजों को समंदर में मछली पकड़ने की इजाजत दे दी है या यूं कहे कि ड्रैगन ने दादागीरी दिखाते हुए अपने स्पेशल इकॉनोमिक जोन में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। जिनपिंग ने इमरान खान को समंदर का सौदा करने पर मजबूर कर दिया है। पाकिस्तान सरकार की इजाजत मिलते ही चीन से 20 ट्रॉलर कराची पहुंच गए, जो गहरे समंदर से भी मछली पकड़ सकते हैं। पाताल से भी मछलियों का खानदान साफ कर देते हैं। पाकिस्तान ने इन चीनी जहाजों को सिंध और बलूचिस्तान के तट पर मछली पकड़ने की इजाजत दी है, लेकिन मछुआरों को समंदर का सौदा हजम नहीं हुआ और वो सड़कों पर उतर आए।
पाकिस्तान सरकार के इस फैसले के बाद कराची में इमरान सरकार और चीन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। लोगों ने इमरान और पाकिस्तान की ज़हरीली जोड़ी के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। कराची की सड़कें प्रदर्शन से पट गई है। सिंध के दूसरे शहरों में भी लोग इमरान और जिनपिंग को ललकार रहे हैं। पाकिस्तानी मछुआरे नहीं चाहते हैं कि चीन के जहाज उनके इलाके में मछली पकड़ें, क्योंकि अगर चीन के ये जहाज समंदर से मछली निकालेंगे तो इन मछुआरों का पुश्तैनी पेशा खतरे में पड़ जाएगा। लोगों को रोटी के लाले पड़ जाएंगे।
पाकिस्तानी मछुआरों का कहना है कि चीनी जहाज बड़े पैमाने पर मछली पकड़ सकते हैं, जिससे बाद में यहां समुद्री सिस्टम बिगड़ जाएगा और इसका खामियाजा भी उन्हें ही भुगतना पड़ेगा। पाकिस्तान फिशर फॉल्क फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक तटीय इलाकों में मछलियों की संख्या पहले ही 72 फीसदी तक कम हो गई है और इसकी वजह बेतहाशा मछलियों का शिकार है।
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