अतीश त्रिवेदी
गन्ना भुगतान को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने पुन: एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
लखीमपुर खीरी। गोला गोकर्णनाथ खीरी स्थित बजाज चीनी मिल गोला किसानों का अरबों रुपये दबाये बैठी, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने 31 अगस्त 2020 को एसडीएम गोला अखिलेश यादव को दिये गए ज्ञापन मे अनुरोध कर लिखे गए। 15 सितंबर तक किसानों का बकाया भुगतान दिलाया जाये। चीनी मिल की मंसा भुगतान न करने की स्थिति को देखते हुए संगठन के जिला अध्यक्ष पटेल श्रीकृष्ण वर्मा , जिला उपाध्यक्ष शिवदयाल वर्मा ने 8 सितंबर को पुनः एसडीएम अखिलेश यादव से मिलकर 15 सितंबर 2020 तक किसानों को सम्पूर्ण बकाया भुगतान अथवा 16 सितंबर के लिए भुगतान के विरोध में धरना प्रदर्शन करने के लिए जगह मांगी । एस डी एम ने कहा कोरोना के चलते धरना प्रदर्शन के लिए हम जगह नहीं दे सकते ।किसानों का न तो बकाया भुगतान मिलने की उम्मीद है और न ही धरना प्रदर्शन के लिए जगह दी जा रही है , जब कि संविधान में लिखा और सुप्रीम कोर्ट के किए गए आदेश जो समाचार पत्रों में प्रकाशित है कि अपनी मांगों को लेकर शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन करना मौलिक अधिकार है ।-------------------- ◆ अब संगठन ने भी कमर कस लिया है , 16 सितंबर को गोला मे होगा धरना प्रदर्शन , कैसे करना है , क्या करना है 24 घंटे शेष रहने पर बनायेंगे रणनीति ,◆ " कल 11 सितंबर " से गांव गांव काफिला निकाल कर किसानों को जागरूक कर , चीनी मिल से मिलीभगत कर किसानों के बकाया भुगतान मे रोडा डालने वाले गन्ना विभाग के अधिकारियों को सबक सिखायेगा , संगठन और किसान । ----------------–-- साथ ही संगठन ने ऐसे किसान नेताओं की घोर निंदा की है , जो किसानों के बकाया भुगतान और अन्य समस्याओं मे कभी आगे नहीं आये , और चीनी मिल से मिलीभगत कर किसानों की बात करने वाले व धरना प्रदर्शन करने वाले किसानों के ऊपर पीछे बार किया है और इस समय किसानों के बकाया भुगतान की संकट की घड़ी में वह यह कहकर कि किसानों के भुगतान की अभियान ट्विटर पर ट्वीट कर चलाया जा रहा है । ऐसे चाटुकार नेताओं को भी किसान सबक सिखाने के लिए अब तैयार हैं । ज्ञात हो कि ज्ञापन में उल्लिखित कर एस डी एम , डीएम , उप गन्ना आयुक्त , गन्ना आयुक्त और मुख्यमंत्री को बताया जा चुका है कि गन्ना समितियों के कुछ संचालकों , व गन्ना माफियाओं , दलालों आदि के 90 - 95 फीसदी का भुगतान बजाज चीनी मिलों ने कर दिया है । अन्य किसानों का उ०प्र० गन्ना अधिनियम व मा० हाईकोर्ट के आदेश पर भी नहीं किया जा रहा है , आखिर क्यों ? यह भी बताया गया है कि बजाज चीनी मिलों के पास चीनी नहीं रह गई है , गोदामे खाली हो रही हैं , किसानों का भुगतान होगा कहां से ?
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