डीएल-आरसी नहीं दिखाने पर तत्काल चालान नहीं काट सकती ट्रैफिक पुलिस, ये है कानून।
अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली। ट्रैफिक पुलिस की मनमानियों पर अब रोक लगने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइंस के अनुसार अब ट्रैफिक पुलिस डीएल-आरसी नहीं दिखाने पर तत्काल चालान नहीं काट सकती। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विनय कुमार गर्ग और एडवोकेट रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा।
जब से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ था तब से वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट, इंश्योरेंस सर्टीफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर ताबड़तोड़ चालान करने की खबरें आम हो चुकी है। लेकिन अब इन चालानों पर रोक लगने वाली है।
नई गाइडलाइंस के अनुसार ट्रैफिक पुलिस के मांगने पर फौरन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट नहीं दिखाते हैं, तो यह जुर्म नहीं है। सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रैफिक पुलिस तत्काल चालान नहीं काट सकती है। अगर चालक 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को दिखाने का दावा करता है, तो ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ अधिकारी वाहन का चालान नहीं काटेंगे। इसके बाद चालक को 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को संबंधित ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी को दिखाना होगा।
लेकिन अगर इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस तत्काल नहीं दिखाने पर चालान काटती है, तो चालक के पास कोर्ट में इसको खारिज कराने का विकल्प रहता है। अगर ट्रैफिक पुलिस गैर कानूनी तरीके चालान काटती है, तो इसका मतलब यह कतई नहीं होता है कि चालक को चालान भरना ही पड़ेगा। ट्रैफिक पुलिस का चालान कोई कोर्ट का आदेश नहीं हैं। इसको कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
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