शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

चीनी घुसपैठ से पीडित जापान ने मदद मांगी

चीन की टाइपिंग से परेशान जापान ने भारत से मदद मांगी।
 
नई दिल्ली / टोक्यो। कोरोना काल में चीन अपने जियादतर पड़ोसियों के खिलाफ विस् अवतारवाद की नीति अपनाए हुए हैं, जिसके बारे में दुनिया की उसपर कड़ी नजर है। ताइवान, फिलीपिंस, भारत और जापान पूरी तरह से ड्रैगन के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसे में चीन की तेजी से परेशान जापान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है।
पूर्वी चीन सागर में चीनी युद्धपोतों की बढ़ती संख्या के साथ जापान ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। जापान के रक्षा मंत्री तारो कोनो ने कहा कि चीन जापान की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया था। जापानी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। उन्होंने चीन की विस्तारवादी नीतियों का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक क्षेत्रीय तंत्र स्थापित करने के लिए भारत की सिफारिश की है।
जापान ने कहा कि चीन अपने प्रभाव का विस्तार करने और रणनीतिक वर्चस्व स्थापित करने के लिए कोरोना महामारी का भी उपयोग कर रहा है। यह जापान और इस क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा है। पूर्वी चीन सागर को लेकर चीन का सभी पड़ोसी देशों के साथ विवाद है। इसे दबाने के लिए चीनी नौसेना क्षेत्र में लगातार युद्धाभ्यास भी कर रहा है। जिसके कारण आसपास के देशों को सटकर समुद्र में जाने से रोका जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन की क्षमता और इरादे दोनों गलत तरीके से हैं, जिससे चीन को आंतरिक नियमों और मानकों का उल्लंघन करने के लिए कुछ अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जापान और अमेरिका अकेले ऐसा नहीं कर सकते। जापानी प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद कानो के पीएम बनने की उम्मीद है।                


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