नीरज राजपूत
कानपुर। इन दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानपुर पुलिस अपने उत्कृष्ट कार्यों के माध्यम से बीते कुछ महीनों में अपनी धूमिल होती छवि को सवारने के सार्थक प्रयासों में लगी हुई है। इसी कड़ी में इन दिनों कानपुर पुलिस का ध्यान शहर के प्रतिष्ठित क्षेत्रों में बने उन होटलों पर भी जा रहा है जहां पर व्यभिचार के काले कारोबार की आड़ में होटल संचालक हर दिन के साथ काली कमाई को बटोर रहे हैं।
थाना हरबंस मोहाल क्षेत्र स्थित होटल सनराइज और होटल नारायणी पैलेस में बीते दिनों पड़े छापों से एक बात तो तय हो गई थी कि इस क्षेत्र के होटल संचालक कहीं ना कहीं अपनी गाढ़ी कमाई के लालच में क्षेत्रीय युगलों को कमरे की सेवा मुहैया करा रहे हैं। इतना ही नहीं कल यश होटल पर एसपी पूर्वी के नेतृत्व में पड़े छापे के दौरान भी 13 युगल कमरों में पाए गए जिनकी होटल के रजिस्टर पर ना तो कोई एंट्री थी और ना ही किसी प्रकार से कोई आईडी प्रूफ लिए गए थे जिसके बाद से होटल संचालक ज्ञानू शुक्ला पर देह व्यापार को बढ़ावा देने का आरोप एक बार फिर से लग रहा है। आपको बताते चलें कि इससे पहले भी होटल संचालक ज्ञानू शुक्ला देह व्यापार के काले कारोबार के चलते सुर्खियों में रह चुके हैं।
इन सबके बीच बड़ी बात यह है कि यही थाना हरबंस मोहाल लगातार रूप से साक्ष्यों को प्रस्तुत कराने के बावजूद भी सिलसिलेवार तरीके से कई होटलों पर बिना आईडी प्रूफ के क्षेत्रीय युगलों को कमरा मुहैया कराने के आरोपों से यह कहते हुए पल्ला झाड़ लेता है कि उसके द्वारा लगातार रूप से क्षेत्र के सभी होटलों की जांच की जाती हैं। ऐसे में हमारा सीधा सवाल है कि यदि होटलों की सुरक्षा व्यवस्था में लगे सीसीटीवी कैमरे के बीते एक माह के घटनाक्रम पर नजर डालें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
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