चीन को मुंहतोड़ जवाब: भारतीय सेना ने अहम जगह पर किया कब्जा…ऊंचाई पर तैनाती का मिलेगा फायदा…बिलबिलाया चीन…दी ये चेतावनी…
नई दिल्ली/ बीजिंग। चालबाज चीन एलएसी पर अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आ रहा है। ईस्टर्न लद्दाख इलाके में पैंगोंग लेक के पास चीनी सैनिकों ने फिर घुसपैठ की कोशिश की।हालांकि भारतीय सेना के जवानों ने धोखेबाज चीन की इस कोशिश को नाकाम कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, एलएसी पर तनातनी के माहौल को देखते हुए भारतीय सेना की विकास रेजिमेंट बटालियन उत्तराखंड से पैंगोंग लेक के दक्षिणी तट के पास तैनात की गई।बटालियन ने एक स्ट्रैटेजिक हाइट पर कब्जा कर लिया, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के क्षेत्र में निष्क्रिय था।
चीनी ये भी दावा करता है कि यह क्षेत्र उनके क्षेत्र में स्थित है।चीनियों का इरादा उस ऊंचाई पर कब्जा करना था।इसे कब्जे में रखने वाले पक्ष को झील और आसपास के दक्षिणी तट को नियंत्रित करने में रणनीतिक लाभ मिल सकता है।
भारतीय सेना को चीन की इस प्लानिंग का आभास था। ऐसे में चीन की ओर से कोई कदम उठाने से पहले यह निर्णय लिया गया था कि इस स्ट्रैटजिक हाइट पर सेना की टुकड़ी को तैनात करना चाहिए।हालांकि ब्रिगेड के कमांडर स्तर की बैठकें पहले ही चुशूल और मोल्डो में आयोजित की जा चुकी हैं ताकि मामले को सुलझाया जा सके, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला है।
भारत ने थाकुंज के पास ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों और टैंकों सहित हथियारों को स्थानांतरित कर दिया है।पूरे ऑपरेशन में शामिल सैनिकों में भारतीय अधिकारियों के साथ-साथ विकास रेजिमेंट के तहत काम करने वाले तिब्बती भी शामिल हैं।
उधर चीनी सेना ने भारत की इस सैन्य कार्रवाई का विरोध किया है और कहा है कि वह भारत को तनाव से बचने के लिए चीन-भारत सीमा से अपने सैनिकों को वापस लेने की मांग करती है। चीन का कहना है कि भारत ने कमांडर और राजनयिक स्तर पर हुई सहमति का पालन नहीं किया है और एलएसी पर चीन के इलाके में चार किलोमीटर अंदर घुस गयी है।
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