भारत में लॉकडाउन सफल या असफल।कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आई बड़ी बाते
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संकट देश में फैलता जा रहा है। भारत दुनिया का ऐसा देश है। जहां कोरोना से होने वाली मौतों का औसत काफी कम है। इस बीच कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के द्वारा एक रिसर्च की गई है। जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लगातार किए गए संवाद और जनता से की गई अपीलों के कारण ही लॉकडाउन सफल हो पाया. इसी का फायदा भारत में कोरोना वायरस के कहर को कम रखने में हुआ।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की ओर से की गई इस रिसर्च को PLOS ONE ने 11 सितंबर को पब्लिश किया है। जिसे बाद में भारत सरकार ने भी देखा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहा। लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए संवाद की वजह से लोगों ने कोरोना वायरस को गंभीरता से लिया और तैयारी हो पाई।
रिसर्च में कहा गया है। कि पीएम मोदी के द्वारा की गई अपील के कारण ही 130 करोड़ लोग सख्त लॉकडाउन का पालन कर पाए और सोशल डिस्टेंसिंग को समझ पाए।इसके अलावा पीएमओ के द्वारा बनाया गया PM Cares फंड भी उनकी अपील के बाद लोगों की मदद से भर गया।
इस दौरान लोगों को जागरुक रखने के लिए सोशल मीडिया और टीवी मीडिया का बड़ा सहारा लिया गया। कोरोना संकट के बीच उभरे आर्थिक संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से बात की।हर तबके के कारोबारियों से चर्चा की गई।इतना ही नहीं पीएम ने सभी से अपने कर्मचारी की सैलरी ना काटने को कहा। जिसका बड़ा असर हुआ।
PLOS ONE ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।कि मार्च की शुरुआत में ही भारत ने कड़े नियम लागू करने शुरू कर दिए थे। दूसरी ओर टेस्टिंग को बढ़ाया जा रहा था। जब लॉकडाउन आया, तब भारत में PPE किट सैनिटाइजर और मास्क जैसी चीज़ें बनाई जाने लगी थीं।आपको बता दें कि इससे पहले भी दुनिया की कई एजेंसी और अखबारों ने माना है कि भारत में सबसे सख्त लॉकडाउन था।जिसका पालन लोगों ने किया।भारत सरकार ने भी दावा किया है कि लॉकडाउन के कारण भारत में करीब 25 लाख कोरोना केस कम हैं।
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