चीन छोड़कर भारत आने वाली कंपनियों को जापान देगा सब्सिडी।
बीजिंग/ नई दिल्ली/ टोक्यों। चीन को एक के बाद एक झटके लगने का सिलसिला लगातार जारी है।भारत के बाद अब जापान भी चीन पर स्ट्राइक करने की तैयारी में है। जापान ने कहा है कि अगर कोई जापानी कंपनी चीन को छोड़कर भारत में आकर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाती है तो उसे जापान की सरकार वित्तीय मदद देगी। जापान सप्लाई चेन या कच्चे माल के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है, इसलिए जापान सरकार ने ऐसा फैसला किया है।जापान चीन के बजाय आसियान देशों में अपने सामान तैयार करेगा। साथ ही जापान ने भारत और बांग्लादेश को भी इस सूची में शामिल किया है, जहां जापानी कंपनियां अपने उत्पाद तैयार कर सकती हैं।जापान के इस फैसले से दोनों देशों को लाभ होगा।
सब्सिडी के लिए 1,615 करोड़ रु किए आवंटित
जापान सरकार ने कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी के रूप में अपने 2020 के पूरक बजट में 221 मिलियन डॉलर ( 1,615 करोड़ रुपये) आवंटित किए हैं।जो कंपनियां, चीन से बाहर भारत में और आसियान क्षेत्र में अपनी कंपनी स्थानांतरित करेगी उसे इस सब्लिडी का लाभ मिलेगा। दरअसल सब्सिडी कार्यक्रम के दायरे का विस्तार करके, जापान का लक्ष्य चीन पर अपनी निर्भरता को कम करना है और आपातकाल के दौरान भी चिकित्सा या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की स्थिर आपूर्ति के लिए एक प्रणाली का निर्माण करना है।
3 सितंबर से जापानी कंपनियां कर सकेंगी आवेदन
जापान चाहता है कि विभिन्न देशों में जापानी कंपनियों की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट हो ताकि संकट के समय भी जापान को दवा और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट की आपूर्ति होती रहे।जापान के अखबार में छपी खबर के मुताबिक, 3 सितंबर से इस प्रकार की प्रोत्साहन मदद लेने की इच्छुक जापानी कंपनियां आवेदन कर सकेंगी।
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