भारत-चीन तनाव: भारतीय सेना हर मोर्चे पर सतर्क
अब इस जगह हलचल हुई तेज
दिल्ली से भेजी गईं अतिरिक्त फोर्स।
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर हालात सामान्य नहीं हैं। ऐसे में चीन की चालाकी को जवाब देने के लिए सेना हर मोर्चे पर सतर्क है। लद्दाख में जारी तनाव के बीच अन्य सीमाओं पर भी हलचल बढ़ गई है। गृह मंत्रालय की ओर से भारत-चीन, भारत-नेपाल और भारत-भूटान पर सुरक्षाबलों को सतर्क रहने को कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार, आइटीबीपी और एसएसबी को अलर्ट पर रखा गया है।इसके तहत उत्तराखंड, अरुणाचल, हिमाचल, लद्दाख और सिक्किम बॉर्डर पर आइटीबीपी की निगरानी को और भी मजबूत किया गया है।
उत्तराखंड के कालापानी इलाके में जहां पर भारत-चीन-नेपाल तीनों देशों का मेल है वहां भी सतर्कता बढ़ गई है। एसएसबी की 30 कंपनी यानी 3000 जवानों को भारत-नेपाल बॉर्डर पर भेजा गया।इससे पहले इन कंपनियों की तैनाती कश्मीर और दिल्ली में थी।
सूत्रों की मानें तो मंगलवार को गृह मंत्रालय में बॉर्डर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी और आइटीबीपी ,एसएसबी के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद चीन ,नेपाल, भूटान सहित दूसरे बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिये गए हैं।
आपको बता दें कि लद्दाख बॉर्डर पर चीन ने बीते तीन दिनों में घुसपैठ की कोशिश की है। इस दौरान हाथापाई की स्थिति भी आई लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने चीन की हर कोशिश को नाकाम कर दिया।इससे पहले भी कई बार चीन लद्दाख सीमा के अलावा अरुणाचल और उत्तराखंड में हलचल करते आया है, ऐसे में भारत पहले से ज्यादा सतर्क है।
अगर लद्दाख सीमा की बात करें तो भारत ने वहां पर अपने जवानों की संख्या को बढ़ा दिया है। साथ ही बॉर्डर से सटे क्षेत्र में अब टैंक की तैनाती भी है, दोनों देशों के टैंक आमने-सामने हैं और फायरिंग रेंज में मौजूद हैं। ताजा विवाद को निपटाने के लिए ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत हो रही है लेकिन चीन के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए उसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है।इस वजह से हर तरह की सतर्कता बरती जा रही है।
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