नई दिल्ली। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि दुनिया के बड़े से बड़े अनुसंधान एवं नवाचार में भारतीय दिमाग होता है लेकिन हम अब तक दूसरों के लिए नवाचार करते रहे हैं, अब समय आ गया है कि हम अपने लिए नवाचार कर नई ऊँचाई हासिल करें।
प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन के लिए विकसित देशों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि जब तक बड़े देश उत्सर्जन कम करने की दिशा में काम नहीं करेंगे तब तक अन्य देशों के प्रयास सफल नहीं हो सकते। उन्होंने कहा “भारत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए विकसित देश जिम्मेदार हैं। इसके बावजूद भारत हमेशा से समाधान का हिस्सा रहा है और इसलिए उसने स्वयं ही उत्सर्जन कम करने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किये हैं तथा इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।”केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी देशों को यह बताना चाहिये कि स्थायित्व (सस्टेनेबिलिटी) हासिल करने के लिए उनकी क्या योजना है। यदि बड़े देश सक्रियता से प्रयास नहीं करेंगे तो भारत और कुछ अन्य देशों के प्रयास व्यर्थ हो जायेंगे।
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