मंगलवार, 22 सितंबर 2020

8 में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की शिकार

आठ में से एक भारतीय महिला है । ब्रेस्ट कैंसर की शिकार, समय पर जांच हो तो बचाई जा सकती हैः जान डॉ सीमा सिंह


नई दिल्ली। आरएचएएम फाउंडेशन और बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल राजेंद्र पैलेस नई दिल्ली द्वारा ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें बीएलके हॉस्पिटल की एसोसिएट कंसलटेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ.सीमा सिंह ने महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूक किया। साथ ही इसके निवारण व जीवनशैली में परिवर्तन के बारे में विस्तार से बताया। महिलाओं ने इस संबंध में सवाल भी किए।
वेबिनार में रोटरी क्लब ऑफ गाजियाबाद सेंट्रल, इंदिरापुरम गैलोर, गाजियाबाद मेट्रो, गाजियाबाद हैरिटेज व दिल्ली ईस्ट एंड क्लब ने भी सहयोग किया। आनंद ने कोर्डिनेटर की भूमिका निभाई। वेबिनार को रोटेरियन बबीता जैन (प्रथम महिला डिस्ट्रिक 3012, वर्ष-2018-19), रो. रीना गुप्ता (प्रथम महिला डिस्ट्रिक 3012, वर्ष- 2019-20), रो. अरूणा अग्रवाल (प्रथम महिला डिस्ट्रिक 3012, वर्ष-2021-22 एवं सदस्य, रोटरी क्लब ऑफ गाजियाबाद ग्रेटर), रो.नीलू खन्ना (प्रथम महिला डिस्ट्रिक 3012, वर्ष-2022-23 एवं पास्ट इनरव्हील डिस्ट्रिक चेयरमैन 2014- 15), दीपिका बाली (डिस्ट्रिक एडिटर 2020-21 व इनरव्हील डिस्ट्रिक 301) तथा रो. अमिता महेंद्रु (असिस्टेंट गवर्नर जोन-4) ने भी संबोधित किया।बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की एसोसिएट कंसलटेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. सीमा सिंह ने ब्रेस्ट कैंसर पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रेस्ट कैंसर को स्तन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। स्तन कैंसर की शुरूआत तब होती है। जब स्तन में कोशिकाओं का विकास असाधारण रूप से हो जाता है। ये कोशिकाएं आमतौर पर एक ट्यूमर बन जाती हैं। जिसे अक्सर एक्स-रे में देखा जा सकता है।या फिर एक गांठ के रूप में महसूस किया जा सकता है। भारत में हर आठ में एक महिला स्तन कैंसर की चपेट में है। भारत में इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा। 40 वर्ष के बाद महिलाओं को हर साल मैमोग्राफी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
डाक्टर सीमा सिंह ने बताया कि यदि परिवार (ब्लड रिलेशन) में जैसे मां या मौसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है।वो अब ठीक हो चुकीं हैं। या वो ब्रेस्ट कैंसर मरीज हैं। तो बेटी को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। इसे मां से होने वाली बीमारी कह सकते हैं। ऐसी स्थिति में महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपके ब्लड रिलेशन में कैंसर मरीज हैं तो आप अपने ब्रेस्ट की जांच करें ब्रेस्ट कैंसर स्टेज के बारे में ज्यादा से ज्यादा समझने की कोशिश करें।असिस्टेंट गवर्नर जोन-4 रो. अमिता मोहिंद्रु ने कहा कि महिलाएं अपने शरीर के वजन को संतुलित करें, व्यायाम करें, ड्रिंक स्मोकिंग न करें, छह से सात घंटे की नींद जरूर लें। महिलाएं घर पर भी ब्रेस्ट की जांच कर सकती है।
आरएचएएम फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ.धीरज कुमार भार्गव ने डाक्टर सीमा से सवाल किया कि क्या पुरूषों में भी स्तन का कैंसर होता है। इस बारे में डॉ.सीमा ने बताया कि महिला और पुरुष दोनों के ब्रेस्ट टिश्यू होते हैं। महिलाओं में कई तरह के हार्मोन्स होने से टिश्यू बढ़कर पूरे ब्रेस्ट का रूप ले लेते हैं। पुरुषों में ब्रेस्ट को बढ़ाने वाले हार्मोन नहीं होते हैं। अक्सर पुरुष छाती में होने वाली गांठ के दर्द व सूजन को नजरअंदाज कर देते हैं। यही कारण है कि छाती के कैंसर की पहचान आखिरी स्टेज में होती है। ऐसी स्थिति में मरीज की जान को खतरा हो जाता है।वेबिनार में बीएलके हॉस्पिटल से शहजाद मिर्जा, रो. संदीप मिगलानी, अलका सिंघल, आनंद, अंजू गुप्ता, अंजू जैन, अनुराधा, अरिहंत जैन, दीपिका बाली, दयानंद शर्मा, अनिल अग्रवाल, गरिमा शर्मा, प्रदीप कुमार गोयल, जेपी मल्होत्रा, कुसुम अग्रवाल, ललित शर्मा, मधुर जैन, ममता राजपाल, मनीषा भरतिया, मनीषा भार्गव, मनीषा सिंघल, पाखी पूनम, रचना गुप्ता, रागिनी, राजकुमार सिंह, राजेश मिश्रा, सुशील, रीना गुप्ता, रिंकी अग्रवाल, रीतू रोहिला, सचिन उर्मिला जैन, सुरेंद्र शर्मा, तेजेंद्र सिंह, वंश त्यागी, विनोद भार्गव आदि शामिल रहे।                


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