महामेधा बैंक – गबन और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में 2 दर्जन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज।
माधोपुरा। घंटाघर कोतवाली क्षेत्र की नई बस्ती स्थित महामेधा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व अधिकारियों, कर्मचारियों व बैंक प्रबंधकों द्वारा बरती गई वित्तीय अनियमितताओं एवं बैंक के विनिमयकारी अधिनियम-1949 के उल्लंघन के मामले में सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक (सहकारिता) देवेंद्र सिंह ने दो दर्जन लोगों के विरुद्ध करोड़ों रुपए के धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। नामजद गबन आरोपियों में बैंक के मालिक पप्पू भाटी का निधन हो चुका है।
आपको बता दें कि महामेधा बैंक द्वारा किए गए गबन एवं वित्तीय अनियमितताओं तथा विनिमयकारी अधिनियम-1949 के उल्लंघन के चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने 11 अगस्त 2017 को बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया था। इसके बाद अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक सहकारिता लखनऊ के 31 अगस्त 2017 के निर्देश पर मेरठ मंडल के उपायुक्त एवं उपनिबंधक ने बैंक में प्रशासक नियुक्त किया था। उसके बाद बैंक में हुए गबन एवं वित्तीय अनियमितताओं की सीए द्वारा विशेष ऑडिट एनालिसिस कराए जाने की अनुमति दी गई। जिसके आधार पर सीए द्वारा की गई ऑडिट रिपोर्ट प्रशासक के समक्ष प्रस्तुत की गई।
ऑडिट रिपोर्ट में आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम-1965 की धारा-68 के तहत दोषियों का दायित्व निर्धारित करते हुए सन्निहित धनराशि की वसूली तथा दोषियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में 6 दिसंबर 2019 को सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता गाजियाबाद द्वारा दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए गए।
मैसर्स एमआरएस एंड कंपनी द्वारा पेश विशेष ऑडिट रिपोर्ट में धोखाधड़ी दुर्विनियोग कूट रचित सदस्यों के नाम पर सदस्यों की बिना अनुमति के उनकी रकम एफडीआर भुनाकर रिजर्व बैंक के मानकों का उल्लंघन कर प्रतिकर की धनराशि जमा कराकर तथा तृतीय पक्ष ऋणों का समायोजन एवं फर्जी बिल बाउचर खारिज कर जमा कर्ताओं के साथ धोखाधड़ी करके करीब 9,98,512,347 रुपए का गबन किया गया।
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