केंद्र की राज्यों से एनआरए डाटा से युवाओं को करें नौकरियों में भर्ती।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एनआरए डाटा के इस्तेमाल की अपील की।केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्य अपने यहां सरकारी नौकरियों के लिए युवाओं को छांटने में नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी एनआरए की तरफ से आयोजित कराए जा रही सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) के परिणाम का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने इसके लिए राज्यों और केंद्र सरकार के बीच एमओयू भी करने का इशारा किया है।केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश एनआरए की तरफ से नौकरी चयन के लिए आयोजित किए जा रहे सीईटी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस टेस्ट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बुधवार को हरी झंडी दिखा चुकी है।
उन्होंने कहा, इस प्रक्रिया से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों समेत सभी भर्ती संस्थाओं को पैसा और समय बचाने में मदद मिलेगी, जबकि दूसरी तरफ यह नौकरी के इच्छुक युवाओं के लिए भी कम खर्च और सुविधा जनक तरीका साबित होगा।
उन्होंने कहा, राज्यों की तरफ से सीईटी स्कोर का इस्तेमाल करने के लिए एक एमओयू भी किया जा सकता है। इसके लिए केंद्रीय कार्मिक विभाग (डीओपीटी) और मैं खुद कई राज्यों के साथ संपर्क में हूं। अधिकतर मुख्यमंत्री इस व्यवस्था को अपनाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, सीईटी स्कोर सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और बाद में निजी क्षेत्र के साथ भी शेयर किया जा सकता है।
आरक्षित वर्ग को नियमों के तहत मिलेगी छूट।केंद्रीय मंत्री ने सीईटी को लेकर जताई जा रही चिंताओं का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, टेस्ट में भाग लेने वाले आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में सरकारी नीति के तहत मिलने वाली सभी छूट का लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, सीईटी का आयोजन केवल हिंदी या अंग्रेजी में नहीं बल्कि 12 भारतीय भाषाओं में किया जाएगा। साथ ही इसमें संविधान की 8वीं सूची में शामिल अन्य भाषाओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
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