अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। वायु प्रदूषण के कलंक को गाजियाबाद के माथे से धोने की इस बार पूरी तैयारी है। ईपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण) ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसमें वायु प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के अलावा ईंट भट्ठा, टूटी सड़कों से उड़ती धूल व अन्य को इसका कारक माना है। सर्वाधिक वायु प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों में ट्रोनिका सिटी में संचालित टैक्सटाइल फैक्ट्रियों को माना है। जनपद में वायु प्रदूषण बढ़ने से रोकने के लिए इस बार ईपीसीए की ओर से तैयारियां आरंभ कर दी गई हैं। इसके लिए ऑनलाइन बैठक में उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र बीरेंद्र कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीएसआइडीसी स्मिता सिंह के अलावा औद्योगिक संगठन भी शामिल हुए, जिसमें ईपीसीए की ओर से वायु प्रदूषण रोकने के लिए एक्शन प्लान को साझा किया, जिसमें इंडस्ट्रियल एरिया में लोनी स्थित ट्रोनिका सिटी में संचालित हो रही टैक्सटाइज इकाइयों को सर्वाधिक वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी माना है। यहां छोटी इकाईयों के अलग-अलग बॉयलर हैं, जो वायु प्रदूषण का कारक बनते हैं। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए थर्ड पार्टी से बड़ा कॉमन बॉयलर बनवाने का प्रस्ताव है, जिससे सभी टैक्सटाइल इकाइयां कनेक्शन लेंगी। इनकी तीन माह में वायु गुणवत्ता की टेस्टिग होगी। इसके बाद लागू किया जाएगा। वहीं, अन्य इकाइयों में पीएनजी कनेक्शन को अनिवार्य करने की योजना है। अधिक प्रदूषण फैलाने वाले कारकों में कोयला, टायर आदि के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
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