गुरुवार, 13 अगस्त 2020

सुदीक्षा को न्याय के लिए उग्र आंदोलन करेंगे

 जल्दी नहीं हुई गिरफ्तारी तो गुर्जर समाज उग्र आंदोलन करेगा 


 आत्मा की शांति के लिए सभी लोग अपने घरों पर आज दिए या मोमबत्ती जलाएं 


 न्याय दिलाने के लिए अखिल भारतीय गुर्जर महासभा आंदोलन करेगी 


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। अखिल भारतीय गुर्जर महासभा युवा प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर ने बताया की सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी का दर्द असहनीय और अवर्णित है। सुदीक्षा की असमय मौत से न केवल इस परिवार को, क्षेत्र को या गुर्जर समाज को बल्कि पूरे देश को क्षति हुई है। 3 करोड़ 80 लाख की स्कॉलरशिप पर अमेरिका की बॉबसन यूनिवर्सिटी में पढ़ रही सुदीक्षा देश की प्रतिभा थी और वह बहुत आगे तक जाती। बहुत ऊंचाइयों को छूती। इस परिवार को कहां से कहां ले जाती।इसकी कल्पना की जा सकती है।
सुदीक्षा की मौत कोई सामान्य सड़क दुर्घटना नहीं है। यह एक तरह से हत्या है। मनचले काफी दूर से सुदीक्षा की बाइक का पीछा कर रहे थे। बार-बार अपनी बुलेट को कभी आगे कभी पीछे करते हुए फब्तियां कस रहे थे। फिर अचानक इनकी बाइक के आगे बुलेट लगा दी। जिससे ब्रेक लगाने पर इनकी बाइक गिर गई। सुदीक्षा का सिर सड़क में लगा और उसकी मौत हो गई। क्या इस मौत के लिए सीधे-सीधे वह मनचले जिम्मेदार नहीं है ? और इसे हत्या नहीं कहा जाएगा ? समझ से बाहर है कि बुलंदशहर पुलिस क्यों दोषियों को बचाने का षड्यंत्र कर रही है। पुलिस ने जितनी जल्दी इस मामले में बयानबाजी की और सोशल मीडिया पर सफाई दी किसी केस में पुलिस इतनी जल्दी सफाई नहीं देती है। सुदीक्षा की मृत्यु के लिए जिम्मेदार शोहदों को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार कर कानून के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए। और सुदीक्षा जैसी प्रतिभा के असमय अंत से उसके परिवार को पहुंची क्षति की कुछ भरपाई करने की कोशिश भी सरकार को करनी चाहिए। हमारी मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार सुदीक्षा के परिवार को  एक करोड़ रुपए का मुआवजा, एक सरकारी नौकरी और ग्रेटर नोएडा में एक मकान दे। सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी की इच्छा है कि उसकी बेटी के नाम से लड़कियों की शिक्षा के लिए कोई शिक्षण संस्थान अथवा सरकारी योजना शुरू की जानी चाहिए। क्योंकि उसकी बेटी एनजीओ के माध्यम से इस दिशा में कार्य कर रही थी और उसकी ऐसी इच्छा थी।
क्षेत्र से और दूर-दूर से भी काफी संख्या में लोग वहां आ रहे थे। और सभी इन मांगों पर सहमत थे। लोगों की यह भी मांग है कि घटना की निष्पक्ष जांच के लिए इसकी जांच हाई कोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में बनी एसआईटी से कराई जाय। एक बात मैं अपनी ओर से सभी नौजवानों से कहना चाहता हूं। कृपया दुपहिया पर बिना हेलमेट के सफर ना करें। यदि सुदीक्षा ने हेलमेट पहना होता तो शायद आज वह हमारे बीच होती।             


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